फोटो– विश्व धरोहर फूलों की घाटी इन दिनों पूरे यौवन पर है।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। प्रकृति की अनमोल धरोहर विश्व प्रसिद्ध फूलों की धाटी इन दिनों पर पूरे यौवन पर तो है, लेकिन इस बार प्रकृति पेमी पर्यटक असंख्य खिलखिलाते फुलों का दीदार नही कर पा रहे है। अनलाॅक-2 मे धार्मिक स्थल तो खुले लेकिन फूलों की घाटी अभी भी पर्यटक नहीं पहंुच पाएंगे।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी मे इस बार यूॅ तो समय से पहले ही विभिन्न किस्म के रंगविरंगी फूल खिलने लगे थे। लेकिन कोरोना महामारी के कारण देश-विदेश से फूलों की घाटी पंहुचने वाले हजारों पर्यटक इस बार फूलों की घाटी नही पंहुच सकेगे। अनलाॅक-2 के बाद उम्मीद थी कि कम से कम राज्य स्तर के प्रकृति प्रेमी पर्यटक तो घाटी की सैर करने आ पाएंगे, लेकिन इसके लिए भी किसी प्रकार के स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नही हो सके हैं , जिसके चलते फूलों की घाटी रैंज गोविंदधाट मे तैनात वन महकमे ने भी फूलो की घाटी को खोलने की दिशा मे कोई पहल शुरू नही की है। यहाॅ कि फूलों की घाटी के अंदर ग्लेशियर प्वांइट व अन्य स्थलों पर पैदल मागों की मरम्मत का काम भी शुरू नही हो सका हैं। इससे स्पष्ट है कि अभी फूलों की घाटी पर कोरोना का साया आगे भी जारी रहेगा।
फूलों की घाटी 15जून से लेकर 15अगस्त तक अपने पूरे यौवन पर रहती है। इस दो महीने की सीजन मे यहाॅ कोने-कोने मे असख्य फूलों की बगिया नजर आती है। और इन फूलो को नजदीक से देखने के लिए देश व विदेश के पर्यटको की भरमार घाटी मे रहती है। विगत दो-तीन वर्षो से तो भ्यॅूडार वैली का ब्यवसाय ही फूलों की घाटी आने वाले पर्यटको की बदौलत चल रहा है। क्योकि वर्ष 2013 की भीषध आपदा के बाद हेमकुंड साहिब-लोकपाल की यात्रा भी गिरावट देखी गई है। तब हेमकुंड साहिब-लोकपाल तथा फूलो की घाटी राष्ट्रीय पार्क के मुख्य पडाव घाॅघरिया मे ब्यवसाय कर रहे स्थानीय लोगो का ब्यवसाय घाटी आने वाले पर्यटको की बदौलत ही चल सका । लेकिन इस बार तो सब कुछ कोरोना की भेंट चढ गया है।
फूलों की घाटी मे इन दिनों वाइल्ड रोज,साइनेन्थस, प्राइमुला ,फिटलेरिया रोउली , एपीलोवियम, ,ब्वाहिट वाइल्ड रोज, प्राइमुला डेन्टीकुलाटा, व मासस मेरीगोल्ड के अलावा जडी बूटियों मे फरण ,सालम पंजा, लहसुन जडी के अलावा कस्तूरा मृग का सबसे प्रिय भोजन सेमरू ’’रेडोडोलियम कैम्पालूडम’’ के फूल खिले हैं। लेकिन इसका दीदार करने वाला कोई नही।
फूलों की घाटी रैंज के रैज आफीसर बृज मोहन भारती कहते है कि अनलाॅक-2 मे भी फूलो की घाटी खोलने के कोई दिशा निर्देश प्राप्त नही हुए है। उनका कहना है कि घाटी मे बामडधैाड व घूसाधार ग्लोशियर प्पांइट के अलावा अन्य कई स्थानों पर मार्गो की मरम्मत का कार्य भी अभी शुरू नही किया गया है।