कल्पेश्वर में ही महाकाल शिव ने देवताओं को अपने त्रिनेत्र से जल दिया था समुद्र मंथन करने की दी सलाह
कल्पेश्वर धाम। पंच केदार के श्री कल्पेश्वर धाम कल्प क्षेत्र में स्थित है। जहां भगवान शंकर ने अपना अखंड स्थान बनाया। जहां पार्वती और शिव का मिलन हुआ। यह स्थान तीन गंगा संगम के मध्य हिमालय में 2160 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जहां कल्प गंगा फ्यूला नारायण गंगा, ललिता नाम गंगा यहां स्थित है। अन्य सभी केदारों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाते हैं। कल्पेश्वर धाम के कपाट वर्ष भर खुले रहते हैं।
कल्पेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष नागेंद्र नेगी ने बताया कि पंच केदार कल्पेश्वर में शिवरात्रि महापर्व की तैयारी जोरों पर चल रही है भगवान शंकर के मंदिर को भव्य रुप से फूलों से सजाया जाएगा 40 किलो से अधिक फूलों की मालाओ की व्यवस्था ऋषिकेश से मंगाई गई है। उन्होंने बताया कि अखंड व्रत धारण करने वालों को कमेटी के द्वारा चाय नाश्ते की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही यहां पर कुछ भक्त गणों के द्वारा यात्रियों के लिए भव्य भंडारे का आयोजन किया गया है। देवग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शिवरात्रि महापर्व से पंच केदार कल्पेश्वर में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, किंतु श्री कल्पेश्वर धाम की मुख्य सड़क खराब होने के कारण यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
भगवान कल्पेश्वर ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी यात्रियों के लिए मौसम ठीक रहे और उनके मंगलमय जीवन की कामना हम करते हैं। पंच केदार कल्पेश्वर के बारे में यहां पर रह रे संतोष गिरी महाराज कहते हैं कि कल्पेश्वर महा महाराज सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। पिछले 50 वर्षों से विकल्प ईश्वर धाम एवं हिमालय में रहते हैं, जो लोग भगवान शंकर के पास सच्ची श्रद्धा लेकर आते हैं, उनकी भगवान शंकर मनोकामना पूर्ण करते हैं। भगवान शंकर के दर्शन करने के लिए ऋषिकेश से 229 किलोमीटर जीप कार बस से हेलंग पहुंचा जाता है। वहां से जीप से कल्पेश्वर 16 किलोमीटर पहुंचा जा सकता है। सड़क थोड़ा खराब है, सावधानी से यात्रा करने की आवश्यकता है और कल्पेश्वर क्षेत्र में रुकने के लिए होमस्टे की व्यवस्था सस्ते दर में हो जाती है।
लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट












