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गैरसैंण में रामगंगा पर बनने वाली झील का स्थलीय निरीक्षण करते अंतरिक्ष वैज्ञानिक एमपीएस बिष्ट
गैरसैंण। गैरसैंण में रामगंगा नदी पर बनने वाली झील निर्माण के लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिक के स्थलीय निरीक्षण व परीक्षण के बाद अंतिम रूप से स्थल का चयन हो गया है। बुधवार को देर सायं उत्तराखंड अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र और उत्तराखंड साइंस शिक्षा शोध केंद्र के निदेशक डॉण् महेंद्र प्रताप सिंह बिष्ट ने गैरसैंण में रामगंगा पर बनने वाले जलाशय का स्थलीय निरीक्षण और परीक्षण कर फाइनल टच दे दिया है।
उन्होंने कहा कि वह पूर्व में भी रामगंगा में बनने वाली झील के लिए जियोलाजिकल अध्ययन कर चुके हैं। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए स्थल का चयन कर दिया गया है। अब इसमें किसी भी प्रकार की कोई शंका नहीं है, ग्रीष्म कालीन राजधनी क्षेत्र के
लिए जलापूर्ति के लक्ष्य को लेकर 115 करोड़ की लागत से बनने वाली इस योजना में 65.35 करोड झील निर्माण और 38.74 करोड़ डिस्ट्रीब्यूशन कार्य का प्राविधान किया गया है। इस योजना से प्रतिदिन 70 लाख लीटर पेयजल की आपूर्ति की जा सकेगी और भविष्य में इस झील को पर्यटन व रोजगार योजनाओं से भी जोड़ दिया जायेगा। कहा कि मुख्य मंत्री के झील निर्माण कार्य को सक्रियता से गतिमान करने के निर्देशों के अनुसार जल्दी ही यह योजना संम्पादित की जायेगी। इसके लिए वित्तीय और वन निस्तारण की कार्यवाही गतिमान है। जल्दी ही सभी औपचारिकताऐं पूरी कर दी जायेंगी।
इस दौरान उनके साथ क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, भाजपा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक गंगा सिंह पंवार, क्षेपंस विरेंद्र आर्य, पूर्व जिपंस एमएन जुयाल और सिंचाई विभाग के एई सिकंदर कुमार, जेई सुशील नेगी, देवेंद्र मौजूद रहे।