फोटो- प्रेस ब्रीफिंग करते वाइस एडमिरल सूरज बेरी ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। माउन्ट त्रिशूल हादसे पर अब तक की गई कार्यवाही की विस्तृत जानकारी दी। नौ सेना के वाइस एडमिरल सूरज बेरी ने सेना व वायुसेना के अदम्य साहस वाले इस संयुक्त आपरेशन पर प्रेस ब्रीफिंग की।
यहॉ सेना हेलीपेड पर माउन्ट त्रिशूल अभियान पर हुए दुखद हादसे की जानकारी देते हुए वाइस एडमिरल श्री बेरी ने बताया कि स्वर्णिय विजय वर्ष के अवसर पर भारतीय नौ सेना ने’’ आईएनस टू माउन्ट त्रिशूल’ नाम से इस पर्वतारोहण अभियान का आगाज किया था, जिसे बीती तीन सितम्बर को वेस्टर्न नेवल कमान मुख्यालय से फ्लैग ऑफ किया गया था, उन्होंने बताया कि अभियान दल को 1अक्टूबर से तीन अक्टूबर के मध्य त्रिशूल पर्वत पर समिट करना था, इस दौरान मौसम व तापमान भी अनुकूल था, लेकिन दुर्भाग्यव अचानक एवलॉच के आने से अभियान दल के पॉच पर्वतारोहियों के साथ एक शेरपा इस एवलॉच की चपेट में आ गए।
वाइस एडमिरल बेरी ने बताया की हादसे की सूचना मिलते ही थल सेना व वायुसेना ने संयुक्त रेस्क्यू अभियान शुरू किया और 48 घंटांे में ही एवलॉच मे दबे 4 पर्वतारोहियों के शवों को बर्फ की गहरी खाई से निकाल लिया। जबकि एक पर्वतारोही व एक शेरपा की तलाश अब भी जारी है।
उन्होंने कहा कि वे सेना व वायुसेना के द्वारा किए जा रहे रेस्क्यू अभियान के दौरान यहॉ पहुंचे थे, और उन्होंने भी हादसा स्थल का सर्वेक्षण किया। पर्वतारोही दल के अन्य सभी सदस्यों को सकुशल वापस लाया जा चुका है।
वाइस एडमिरल ने कहा कि सेना व वायुसेना का संयुक्त रेस्क्यू अभियान अभी जारी रहेगा। और इस अदम्य साहस का परिचय देते हुए किए गए अभियान के लिए उन्होने सेना, वायुसेना व स्थानीय जनमा का भी आभार प्रदर्शित किया।
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एडमिरल सूरज वेरी के साथ उत्तर भारत एरिया के जीओसी ले0जनरल एसएस महल, नौ स्वतंत्र पर्वतीय ब्रिगेड ग्रुप के कमांडर ब्रिगेडियर कृषाणु शाह,वायु सेना के विंग कमांडर रजत भी मौजूद रहे।












