रिपोर्टर-प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। राजीवनगर केशवपुरी से आ रही है नहर से डोईवाला के किसान व ग्रामीण बहुत परेशान है। बता दे सोंग्स के पुल से केशवपुरी बस्ती की ओर से गुजरते हुए यहां नहर क्षेत्र के न जाने कितने गांवए इलाको और कितने घरों के पास से होकर जाती है।
क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खैरी, धर्मुचक, बाजावाला, तेलीवाला और आस.पास गांव के किसानों द्वारा नदी के आने वाले गंदे पानी को लेकर शिकायत की गई है, परंतु उस पर नगर पालिका द्वारा अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
किसानों का आरोप है कि केशवपुरी से आते वक्त उस नहर में बस्ती के लोगों द्वारा गंदगी कर दी जाती है जिससे कि खेती करते वक्त उन्हें बहुत दिक्कत और परेशानी होती है। नहर के उस गंदे पानी से बहुत ही गंदी बदबू आती है जिस कारण फसल की सिंचाई में भी बहुत मुश्किल होती है और उस गंदे पानी के कारण फसल भी अच्छी नहीं होती और खराब फसल से बीमारियों का आना तय है।
बस्ती के लोग नहर में कूड़ा कचरा तो डालते ही है उसके अलावा पशुओं का गोबर, फटे पुराने कपड़े, दारू की बोतले, मृत जानवर के शव, घर की निकासी, बूचड़खाना से बचे जानवरों के अवशेष, प्लास्टिक की चीजें, पन्नियां आदि जैसी चीज़े नदी में जानबूझ कर फेकते हैं।
किसान सुरेंद्र सिंह खालसा ने बताया कि जब हम लोग खेत मे पानी लगाने जाते है तो हमे अपनी कड़पे गुटने तक ऊपर करने पड़ते है और जैसे ही यह गंदा पानी पैरों में लगता तो इससे कई प्रकार की एलर्जी हो जाती है। कई किसानों को तो इतनी गंभीर रूप से या एलर्जी हो गई है कि उनका इलाज बीते दो.तीन वर्षों से चल रहा है परंतु अब तक भी उनकी या बीमारी ठीक नहीं हो पाई।
जब जब भी किसान केशवपुरी में आते हैं यह पता लगाने की कौन कौन व्यक्ति नदी गंदी कर रहा और नदी के गन्दी होने का मुख्य कारण क्या है उस वक़्त बस्ती के लोगो द्वारा किसानों पर पथराव किया जाता है और उनको मारने की धमकी भी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि 2 दिन पूर्व जब कुछ किसान यहां आए तो उनके साथ बस्ती के लोगों द्वारा अभद्र व्यवहार किया, इसके साथ ही अपने आप को नगर पालिका का कर्मचारी भी बताया गया और धमकी देते हुए कहा गया कि हम सरकारी कर्मचारी है हमसे दुश्मनी बहुत मांगी पड़ेगी।
भारत भूषण कौशल ने बताया कि नहर को साफ कराने के लिए नगर पालिका को 3 दिन का समय दिया गया और नहर में जो भी गंदगी डाले उस पर चलानी कार्रवाई भी की जाए और जो व्यक्ति उसके बावजूद भी जिंदगी करता दिखे उस पर कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए।
अगर 22 तारीख तक पालिका प्रशासन द्वारा इस नहर की गंदगी साफ नहीं कराई जाती तो 23 तारीख से किसानों को मजबूरन एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठना पड़ेगा।