चमोली, उरगम घाटी। ज्योर्तिमठ क्षेत्र के अंतर्गत नीति वैली की तरफ एक गांव आता है, जिसका नाम पगरासू है। यह गांव समुद्र तल से 5000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पर 30 परिवार भोटिया जनजाति के लोग निवास करते हैं। इस गांव को जोड़ने के लिए धौलीगंगा पर एक पुल का निर्माण किया गया था, जिसकी लंबाई 45 मीटर है। जिसको काफी समय हो गया, लोगों का कहना है कि इस पुल के मरम्मत किया जाना अति आवश्यक है। लोगों कीआवाजाही इसी पुल से होती है, किंतु लोक निर्माण विभाग के द्वारा इस पुल की मरम्मत के लिए कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है।
साथी गांव वालों का कहना है कि गांव में संचार व्यवस्था नहीं होने से उन्हे बहुत कठिनाई हो रही है। आजादी के 76 वर्ष होने के बाद गांव को दूरसंचार का लाभ नहीं मिल पाया। हमें दूरसंचार के लिए कई किलोमीटर दूर जाकर बात करनी पड़ती है, यहाँ के ग्रामीण कहते हैं। पगरासू गांव की कुरी देवी कहती है कि हम कई बार सरकार से अपने गांव में क्षतिग्रस्त पुल को ठीक करने एवं दूरसंचार के संबंध में बात कर चुके हैं, किंतु सरकार इसको सुनने के लिए तैयार नहीं। अखबारों में भी हमारे यहां की समस्या छपी थी, तब चर्चा हो रही थी। आजकल तो सभी लोग भूल गए हैं।
इसी गांव की इन्दू देवी कहती है कि हमें दूरसंचार की आवश्यकता है। सरकार को संचार व्यवस्था हम लोगों को देना चाहिए। भल्ला गांव सूखी के प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला कहते हैं, हम भारत सरकार के रक्षा पंक्ति के दूसरे पायदान पर खड़े हैं और लोग गांव में डटे रहते हैं, फिर भी गांव का विकास नहीं हो पा रहा है। यह चिंता की बात है। वह कहते हैं कि सीमांत क्षेत्र में आज भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। लोग गांव में रहते हैं, सरकार उन्हें मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं कराती है। अब लोग शिक्षा स्वास्थ्य के लिए गांव से बाजार की ओर आ रहे हैं और वह फिर गांव लौट नहीं रहे। इसलिए गांव खाली हो ते जा रहे हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। बॉर्डर पर एक भी व्यक्ति हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
लक्ष्मण सिंह नेगी एक रिपोर्ट