उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने पति की हत्या के मामले में पत्नी समेत तीन अभियुक्तों को धारा 302 और 201 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने पत्नी पर पांच हजार, जबकि अन्य दोनों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
जुर्माना नहीं भरने पर तीनों को तीन-तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। चंडीगढ़ में नौकरी करने वाले देवलीखान निवासी पूरन चंद्र जोशी ने राजस्व उप निरीक्षक शीतलाखेत को दर्ज कराई प्राथमिकी में कहा था कि 29 मई 2018 की रात करीब दो बजे उनके भाई सुरेश चंद्र जोशी की पत्नी नेहा जोशी का उन्हें चंडीगढ़ में फोन आया, जिसमें उसने सुरेश के घर नहीं लौटने की बात कही।
इसके बाद जब उनकी (पूरन जोशी) की बेटी ने नेहा को फोन किया तो वह सकपका गई और फोन ग्राम प्रधान कमला जोशी को पकड़ा दिया। प्रधान ने उन्हें सुरेश की मौत की बात बताई। इसके बाद पूरन चंद्र जोशी 30 मई 2018 की रात गांव पहुंचे और 31 मई को भाई का अंतिम संस्कार किया।
एक जून को नेहा ने कबूला कि घनश्याम पुत्र भवानी दत्त कांडपाल निवासी ग्राम बसर कठपुड़िया और शंकर दत्त बैला उर्फ सोनू पुत्र अंबा दत्त निवासी देवलीखान शीतलाखेत के साथ मिलकर उसने पति की हत्या कर दी। उसने बताया कि घनश्याम से उसके अवैध संबंधों को लेकर सुरेश उससे झगड़ता था।