अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। ऊधमसिंहनगर के काशीपुर स्थित एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल ने भारी गड़बड़ी करते हुए 10 बेड के आईसीयू में रोजाना 20 मरीजों का इलाज दिखाया है।
इतना ही नहीं, इस अस्पताल ने पैसे के लिए 1,700 से अधिक किडनी मरीजों की जान से भी खिलवाड़ किया। अटल आयुष्मान सोसायटी की जांच में यह पाया गया कि एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. संतोष श्रीवास्तव ने प्लेन एमबीबीएस होने के बावजूद खुद को एमडी मेडिसिन दिखाया।
उन्होंने नियम विरुद्ध 1700 से अधिक मरीजों का डायलिसिस किया। जबकि, केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार, डायलिसिस नेफ्रोलॉजिस्ट के बिना नहीं किया जा सकता, अटल आयुष्मान सोसायटी ने आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या पर संदेह को देखते हुए इन मरीजों का ब्योरा भी मांग लिया है।
इस अस्पताल के आईसीयू में 263 मरीजों को भर्ती दिखाया गया। 10 बेड के आईसीयू में हर दिन 20 मरीज भर्ती दिखाए गए हैं। यहां तक कि, अस्पताल चलाने का सर्टिफिकेट भी नहीं दिया गया है। यहां दिखाए गए पांच डॉक्टरों की संख्या पर भी संदेह है।
डॉक्टरों का आवेदन के समय ब्योरा तक नहीं दिया गया है। इनका एमसीआई में पंजीकरण है या नहीं, यह भी नहीं बताया गया है। इस अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग में भी संविदा पर है।
अटल आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों के लिए इलाज से पहले इसकी इजाजत लेना अनिवार्य है। मगर, एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल ने 22 मरीजों का इलाज बिना इजाजत लिए ही कर दिया। बाद में इसकी इजाजत के लिए आवेदन किया गया।
इसके अलावा हॉस्पिटल प्रबंधन ने 85 मरीजों को अस्पताल में कई दिन ज्यादा भर्ती दिखाया। अटल आयुष्मान सोसायटी की जांच में यह बात सामने आई है कि मरीज जितने दिन अस्पताल में रहे, उससे कहीं अधिक दिन उन्हें भर्ती दिखाकर बिल बनाए गए। अस्पताल पर पूरी जाँच के बाद बड़ी कार्यवाही की जाएगी।