नए साल के आगाज के साथ ही प्रदेश में सर्किल रेट बढ़ने जा रहे हैं। इससे जमीन महंगी हो जाएगी। बढ़ते खर्च और आमदनी की कमी से जूझ रही सरकार को नए सर्किल रेट बड़ी राहत दे सकते हैं। इन नए सर्किल रेट की जद में प्रदेश के सभी अर्द्धशहरी क्षेत्र हैं। नगर निकायों में इसी वर्ष शामिल किए गए करीब 345 गांवों में सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी है। इन क्षेत्रों में पांच से 20 फीसद तक सर्किल रेट में इजाफा हो सकता है। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों से प्रस्ताव तलब किए हैं।
राज्य में तकरीबन एक साल बाद फिर से सर्किल रेट बढ़ाने की कवायद शुरू हो चुकी है। सर्किल रेट के संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। इसी वर्ष बीते जनवरी महीने में सर्किल रेट में वृद्धि की गई थी। तकरीबन दो साल बाद की गई इस वृद्धि से आबादी क्षेत्रों और खेती की जमीनों के सर्किल रेट में बड़ा इजाफा हुआ था। सभी 13 जिलों में सर्किल रेट बढ़ाए गए थे।
देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल जिलों में गैर कृषि और कृषि भूमि के सर्किल रेट अन्य जिलों की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ाए गए थे। इस वर्ष भी सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी अंतिम चरण में है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही सरकार सर्किल रेट में वृद्धि करने की तैयारी में है। अर्द्धशहरी क्षेत्रों पर सरकार की नजरें टिकी हैं।
इनमें से काफी क्षेत्रों को अब नगर निकायों का हिस्सा बना लिया गया है। 345 से अधिक गांव नए निकायों का हिस्सा बन चुके हैं। शहरों का हिस्सा बनाए गए इन गांवों में सर्किल रेट में बड़ा इजाफा होगा। सरकार राजस्व बढ़ाने के लिहाज से सर्किल रेट की नई दरें तय करने में फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सभी 13 जिलों के जिलाधिकारियों को प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा गया है..