नौगांव। देश के प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में किसी को नौकरी से न निकाले का आह्वान पूरे देश से की थी, इसमें सरकारी तथा निजी क्षेत्र दोनों शामिल थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी प्रधानमंत्री के इस आह्वान का समर्थन करते हुए अपील जारी की, लेकिन राज्य सरकार की नाक के नीचे पंचायतीराज विभाग में आउटसोर्स से कार्यरत 376 कार्मिकों को मार्च 2020 में निकाल बाहर कर दिया, अब आजीविका के अभाव में ये लोग आंदोलन की राह पर हैं।
पचायतीराज आउटसोर्सिंग यूनियन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पंचायतीराज विभाग के अंतर्गत आउटसोर्सिंग के माध्यम से वर्ष 2018 में प्रदेश के समस्त विकास खंडों में 95 कनिष्ठ अभियंता और 281 डाटा इंटी आपरेटर का सेवायोजन किया गया था। 31 मार्च 2020 को कोरोनाकाल में सभी आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा समाप्ति की घोषणा निदेशक पंचायतराज विभाग ने कर दी।
अन्य कोई आजीविका न होने के कारण ये सभी कार्मिक आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। एक तरफ प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री निजी क्षेत्र के नियोजनकर्ताओं से अपने कार्मिकों को कोरोनाकाल में न हटाने को कह रहे हैं, लेकिन सरकारी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों को एक ही झटके में हटाने का निर्देश दिया जा रहा है। इन आउटसोर्स कार्मिकों ने 9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर अपनी दयनीय स्थिति की जानकारी दे दी थी। उनकी मांगों पर गौर न करने से निरश आउटसोर्स कार्मिकों ने आज से अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ कर दिया है।