फोटो– श्री बदरीनाथ धाम ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भगवान बदरी विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाने का मुहुर्त विजयादशमी के पावन पर्व पर तय किया जाऐगा। इसी दिन श्री बदरीनाथ मंदिर से सीधे जुडे हकहकूकधारी समाज के बारीदारों को अगले वर्ष के लिए नामित करते हुए पगडी पहनाई जाऐगी।
भू-वैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ धाम के शीतकालीन कपाट बंद होने का मुहुर्त प्रतिवर्ष विजयादशमी के पावन पर्व पर ही तय किया जाता है। विजयादशीमी पर्व पर रविबार को श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर मे घाम के मुख्य पुजारी श्री रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की मौजूदगी मे बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंन्द्र उनियाल द्वारा पंचांग गणना के बाद इस वर्ष शीतकाल के लिए भगवान नारायण के कपाट बंद किए जाने का मुहुर्त घोषित किया जाऐगा।। देवस्थानम बार्ड के गठन के बाद कपाट बंद किए जाने के मुहुर्त तय किए जाने का यह पहला उत्सव है। देवस्थानम बोर्ड ने कार्यक्रम की सभी तैयारियाॅ पूरी कर दी है।
धर्माधिकारी आचार्य उनियाल के अनुसार विजयदशमी पर्व पर प्रात साढे नौ बजे भगवान को राज भोग चढाया जाऐगा। इसके उपरांत नवरात्रि पूजन का समापन तथा ठीक साढे ग्यारह बजे से मुख्य पुजारी श्री रावल की मौजूदगी मे दरबार सजेगा। जिसमे पवित्र आद्य शंकराचार्य गददी को साक्षी मानते हुए शीतकाल के लिए कपाट बंद किए जाने का मुहुर्त तय किया जाऐगा।
गौरतलब है कि भगवान बदरीविशाल के कपाट खुलने का मुहुर्त बसंत पंचमी के अवसर पर टिहरी राजदरबार मे टिहरी नरेश की मौजूदगी मे राज पुरोहितों द्वारा तय किया जाता है। जबकि कपाट बंद होने का मुहुर्त विजयादशीमी पर्व पर श्री बदरीनाथ धाम मे ही तय किया जाता है। इस वर्ष कपाट खुलने का तय मुहुर्त 30अप्रैल था लेकिन कोविड-19 के कारण 15 दिन बाद 15मई को खोला जा सका। और जुलाई महीने से ही दर्शनों की अनुमति दी सकी थी।
विजयादशमी के मौके पर ही पौराणिक पंरपरानुसार श्री बदरीनाथ मंदिर से सीधे जुडे हकहकूकधारी समाज के वृत्तिधारकों को अगले वर्ष के लिए वृत्ति का पत्रक व पगडी पहनाई जाती है। इस बार क्योकि यात्रा निर्बाध रूप से नही चल सकी। इसलिए गत वर्ष के वृत्तिधारकों को ही अगले वर्ष के लिए अवसर दिए जाने का निर्णय निर्णय लिया गया है। गत वर्ष के वृत्तिधारक किशोर पंवार के अनुसार पांडुकेश्वर के मेहत्ता, भंडारी व कमदी थोक ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष के वृत्ति धारकों को ही अगले वर्ष के लिए नामित किया जाय। और इस वर्ष तीनो थोकेा के अध्यक्ष गणों को पगडी पहनाई जाऐगाी।