फोटो- हेलंग-मारवाडी वाई पास साइन बोर्ड ।
प्रकाश कपरूवाण
हेलंग-मारवाडी वाई पास निमार्ण का मसला एक बार फिर सुर्खियों में आया है।
हेलंग-मारवाडी वाई पास सडक निर्माण के लिए पेडो की कटान की सूचना पर मामला एक बार फिर गर्मा गया है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने
सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना का आरोप लगाते हुए पेडांे का कटान करने वाली एजेसिंयों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाही की मांग की गई। डीएफओ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का अध्ययन व आगे की कार्यवाही के लिए उच्चस्तरीय बैठक 16 सितबंर को होनी है। तब तक पेडों के कटान पर रोक लगाई जा चुकी है।
दरसअल सर्वौच्च न्यायालय द्वारा आॅल वैदर रोड के अध्ययन के लिए गठित हाई पावर कमेटी’’एचपीसी’’ की रिपोर्ट के बाद न्यायालय ने आॅल वैदर रोड को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। राज्य व केन्द्र सरकारे फैसले का अध्ययन कर आगे की रणनीति पर विचार कर रही है। इस बीच हेलंग से मारवाडी वाईपास निर्माण करने के लिए पेडो का कटान भी शुरू हो गया था। इसकी भनक लगते ही जोशीमठ बचाओं संघर्ष समिति के अतुल सती व कमल रतूडी ने थानाध्यक्ष को तहरीर देकर पेडो के कटान को सर्र्वाेच्च न्यायालय की अवमानना बताते हुए पेड काटने वाली ऐजेंसिंयो के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप वन संरक्षक नंदा बल्लभ शर्मा के अनुसार हेलंग-मारवाडी वाईपास मार्ग तथा हेलंग-जोशीमठ मोटर मार्ग चैडीकरण के लिए पेडो का पातन किया जाना है। वाईपास मार्ग पर वन विभाग द्वारा नियमानुसार छपान किया गया । और पेडो का पातन वन निगम द्वारा किया जा रहा है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उच्चाधिकारियों के आदेश पर फिलहाल पातन की कार्यवाही रोक दी गई है। अब 16सितंबर को देहरादून मे उच्चस्तरीय बैठक के बाद जो भी निर्णय होगा उसी के अनुरूप कार्यवाही की जा सकेगी।
इस मसले पर बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट का कहना है कि केन्द्रीय सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भेंट के दौरान हेलंग-जोशीमठ तथा हेलंग-मारवाडी वाई पास निर्माण को लेकर वार्ता हुई थी। यह भी तय हुआ था कि पहले हेलंग से जोशीमठ तक की सडक का चैडीकरण होगा और उसके बाद वाईपास का निर्माण और उक्त वाई पास केवल सेना के वाहनों के प्रयोग मे रहेगा। यात्री वाहन जोशीमठ से होते हुए ही बदरीनाथ जाऐगे। लेकिन अब एसपीसी की रिपोर्ट व सुप्रीप कोर्ट के निर्णय मे क्या है इसका राज्य व केन्द्र सरकार अध्ययन कर रही हैं इसी के बाद कोई फैसला लिया जा सकेगा। श्री भटट ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट के ताजे निर्णय मे पेडा के कटान पर भी मनाही होगी तो फिर हेलंग से जोशीमठ तक की सडक का चैडीकरण भी कैसे होगा! यह सब विचारणीय होगा।
गौरतलब है कि हेलंग से जोशीमठ तक सडक चैडीकरण में कुल 479पेडो का पातन किया जाना है। जबकि हेलंग-मारवाडी वाईपास मंे 530 पेडों का पातन होना है।
दूसरी ओर गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत से संपर्क करने पर उन्होने बताया कि करीब तीन दशक के बाद पहली बार केन्द्र सरकार ने हेलंग से जोशीमठ तक सडक चैडीकरण की स्वीकृति देते हुए धनराशि अवमुक्त की है और अब निविदाएं भी आमंत्रित की जा चुकी है। ऐसे मे यदि एचपीसी की रिर्पेाट व सर्वोच्च न्यायालय का कोई निर्णय पेडों के कटान को लेकर होगा तो इस विषय पर सडक परिवहन मंत्रालय से वार्ता की जाऐगी।
अब देखना होगा कि एचपीसी की रिपोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राज्य व केन्द्र सरकारें सडक चैडीकरण व वाईपास को लेकर क्या फैसला लेती है इस पर सीमांत वासियों की नजरे रहेगी।