
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भगवान बद्रीविशाल के कपाट बंद होने के बाद रविवार को प्रात: श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी तथा श्री रावल जी सहित आद्य गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ समारोह पूर्वक योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंची। हनुमान चट्टी, सहित स्थान स्थान में देवडोलियो का भब्य स्वागत हुआ। सीमा सड़क संगठन तथा स्थानीय लोगों द्वारा भंडारे भी आयोजित किये गये।
श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी योगबदरी पांडुकेश्वर में विराजमान हो गये हैं। इस अवसर पर पांडुकेश्वर ग्राम पंचायत प्रधान बबीता पंवार, सरपंच सरिता रावत, महिला मंगल दल अध्यक्ष मनोरमा देवी ने देव डोलियों का स्वागत एवं अगवानी की।
पांडुकेश्वर में ही श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी की शीतकाल में पूजा- अर्चना की जायेगी। सोमवार को मुख्य पुजारी श्री रावल जी एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेंगे, जहां स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत किया जायेगा। इसी के साथ योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें शुरु हो जायेंगी ।
देव डोलियों के प्रथम प्रवास पांडुकेश्वर पहुंचने के अवसर पर मुख्य पुजारी श्री रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के अलावा मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज,ब्रह्मचारी मुकुंदानंद,वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, समिति के सदस्यगण एवं मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, अवर अभियंता गिरीश रावत,दिनेश डिमरी, डा. हरीश गौड़,अमित पंवार, विकास सनवाल तथा पुजारीगण सहित बामणी एवं पांडुकेश्वर के हक हकूकधारी एवं श्रद्धालुजन तथा संतगण देव डोलियों के साथ पांडुकेश्वर पहुंचे।