अल्मोड़ा। संभवतः उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा अल्मोड़ा डिपो की बसों में आन लाइन बुकिंग यात्रियों की सुविधा के लिए किया गया है, लेकिन यह सुविधा यात्रियों पर हर तरह से भारी पड़ रही है। आम यात्री इतने हाईटेक नहीं है कि वह खुद आन लाइन बुकिंग कर सके। इसके लिए वह साइबर कैफे की शरण में जाने को मजबूर हैं। साइबर कैफे से बुकिंग में उन्हें प्रति टिकट 15 रुपये से अधिक का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ आन लाइन बुकिंग में पत्रकार, सांसद, स्वतंत्रता सेनानी समेत दूसरे आरक्षित वर्ग के लिए कोई कालम ही नहीं बना हुआ है, इसलिए वे आन लाइन बुकिंग से वंचित रह जाते हैं, ऐसे लोगों को दिक्कत यात्रा सीजन में होती है, जब यात्रियों का काफी रश होता है।
अल्मोड़ा डिपो की लखनऊ, गुड़गांव, देहरादून समेत तमाम स्थानो ंपर जाने वाली बसों के टिकट पूरी तरह आन लाइन कर दिए गए हैं। इससे सुविधा के बजाय यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह है कि आन लाइन बुकिंग में मान्यता प्राप्त पत्रकारों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों सांसदों व विधायकों विकलांगों हेतु आरक्षण में कालम ही नहीं है। जिससे उक्त लोगों हेतु आरक्षित सीटों का जहां लाभ नहीं मिल पा रहा है वहीं उक्त लोगों हेतु आन लाइन सुविधा न देकर आफ लाइन किया गया है जिससे ऐसे लोगों को यात्रा करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । हालत यह है कि 43 सीटर बसों में आंन लाइन बुकिंग पर यात्रीय सीट संख्या 44-45 तक दर्शाई जा रही है ।
आंन लाइन बुकिंग में गुड़गांव से हल्द्वानी तक यात्रा करने वाले व्यक्ति की सीट तो बुक हो जा रही है लेकिन गुड़गांव से अल्मोड़ा या लखनऊ से अल्मोड़ा जाने वाले यात्रियों को सीट नहीं मिल पा रही है आन लाइन बुकिंग में पत्रकारों स्वतंत्रता सेनानियों सांसदों विघायकों व दिव्यांगों को आफ लाइन दिखाये जाने से जहां उन्हें आरक्षित सीटें नहीं मिल पा रही है वहीं काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा तथा रोडवेज वे चालकों, परिचालकों को भी यात्रियों के गुस्सें का सामना करना पड़ रहा है इसके अलावा आन लाइन में निर्धारित टिकट से करीब 15 रूपया यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ने से भी लोगों में आक्रोश व्याप्त है ।