
फोटो- फेसबुक/सोसियल मीडिया मे वायरल हुई भगवान बदरीनाथ के गृभ गृह की फोटो ।
प्रकाश कपरूवाण
बदरीनाथ/जोशीमठ। सोशल मीडिया में भगवान बदरीविशाल के निर्वाण दर्शन की फोटो वायरल होने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। केदारनाथ के गृभ में पूजा का वीडियो वायरल होने के बाद अब बदरीनाथ से भी इस प्रकार की फोटो साझा होने से कई सवाल उठने लगे हैं। हाॅलाकि बदरीनाथ के धर्माधिकारी ने स्पष्ट किया है यह फोटो इस वर्ष की नहीं है।
फेसबुक/सोशल मीडिया में भगवान बदरीनाथ के गृभ गृह में विराजमान कलियुग पापाहारी श्री हरिनारायण के निर्वाण दर्शन की फोटो वायरल होने के बाद लोगों मंे भारी आक्रोश देखा जा रहा है। फेसबुक में यह तस्वीर वायरल होने के बाद कई भक्तों ने फेसबुक पर ही इसका विरोध शुरू करते हुए तत्काल इस फोटो को डिलिट करने की चेतावनी के बाद फोटो तो डिलिट कर ली गई, लेकिन जब मंदिर परिसर में फोटो खींचने पर सख्त मनाही है तो आखिर यह फोटो किसी ने भी कैसे खींच ली। यह अब धर्मक्षेत्र में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
भगवान बदरीविशाल के परिक्रमा परिसर के साथ ही सभामंडप व गृभ गृह की फोटो नहीं खींच सकते, लेकिन यह सब हो गया है। लेकिन इस सबके पीछे किसी भी भक्त का क्या उदेश्य है! यह समझ से परे है। अगर किसी भक्त ने चोरी-छिपे इस फोटो को खींच भी लिया था और यह इस वर्ष की नही भी तो भी आखिर इस वर्ष ही इसे वायरल करने का क्या औचित्य रहा होगा! कहीं यह देवस्थानम बोर्ड को पलीता लगाने की सोची-समझी साजिश का हिस्सा तो नही है! यह प्रश्न इसलिय भी उठ रहा है कि पहली बार इस वर्ष भगवान केदारनाथ के गृभ गृह से भी पूजा का एक वीडियो वायरल हुआ हैं, जिसमे केदारनाथ के रावल भीमांशंकर लिंग गृभ गृह में पूजा करते हुए दिख रहे है।
दोनो धामों के कपाट खुलने के ठीक बाद इस प्रकार के वीडियो व फुटेज जारी करने के पीछे जो भी मंशा हो लेकिन देवस्थानम बोर्ड को अवश्य इसका संज्ञान लेना चाहिए। क्येांिक बोर्ड की नियमावली मे स्पष्ट है कि किसी भी दशा मे पंरपराओं व हकहकूकों से छेड-छाड नही की जाऐगी। ऐसे मे यदि मान्य पंरपराओं का किसी भी ब्यक्ति द्वारा हनन किया जा रहा या प्रयास किया जा रहा है तो देवस्थानम बोर्ड को इस पर सख्त कार्यवाही करनी ही चाहिए।
देवभूमि तीर्थपुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने दोनों धामों के गृभ गृह की फोटो वायरल होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इसकी उच्चस्तरीय जाॅच कर कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड परंपराओं से खिलवाड ना करे। उनका कहना था कि कपाट बंद होने के दिन भी मुख्य पुजारी श्री रावल स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को परिक्रमा परिसर मे स्थित लक्ष्मी मंदिर से लेकर शीत काल के लिए भगवान नारायण के संग गृभ गृह में विराजित करते है, लेकिन क्यूकिं परिक्रमा परिसर मे भी फोटो खीचंने पर सख्त पांबदी है इसलिए आज तक मुख्य पुजारी श्री रावल का एस भेष की फोटो नही खींची जा सकी। लेकिन अब गृभ गृह की वह भी निर्वाण दर्शन की फोटो ही वायरल होने लगी है। जो कतई उचित नही है।
संपर्क करने पर बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवनच्रद उनियाल ने कहा कि यह फोटो इस वर्ष की नही है। लेकिन वर्जित क्षेत्र में जिसने भी यह फोटो खीचंने का दुस्साहस व इसे वायरल करने का काम किया है उसकी अवश्य जाॅच पडताल होनी चाहिए। कहा कि यह फोटो भगवान बदरीविशाल के गृभ गृह की निर्वाण दर्शन की अवश्य हैं, लेकिन विगत वर्षो में किसी श्रद्धालु ने चोरी-छिपे यह तस्वीर ली हैं। जो कि सरासर गलत व नियमो के विरूद्ध है।