कमल बिष्ट/ उत्तराखंड समाचार।
पौड़ी गढ़वाल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विधानसभा लैंसडौन के जयहरिखाल के भक्तदर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
मुख्यमंत्री ने महान विभूति भक्तदर्शन जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी भारतीय स्वतंत्रता में तथा उत्तराखंड राज्य के हित में महत्वपूर्ण भूमिका रही तथा उनको देश और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि भक्तदर्शन महाविद्यालय ने कुशल मानव संसाधन को पैदा करने का काम किया तथा इस विद्यालय से अध्ययनरत बहुत से लोग आज राजनीति, सेना, पुलिस, प्रशासन आदि क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम आजादी के अमृत महोत्सव में अपने देश के नायकों को याद कर रहे हैं तथा अपनी उपलब्धियों और भविष्य के सपनों की संभावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं, साथ ही इसको अमृत काल के रूप में मना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भारत की पहचान एक समर्थ और शक्तिशाली भारत के रूप में बनी है। मा. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को प्रत्येक क्षेत्र में एक नया रोडमैप मिला है। उन्होंने कहा कि हमारी उत्तराखंड की सरकार जीरो पेंडेंसी की नीति पर कार्य रही है तथा समाधान और सरलीकरण जैसे उद्देश्यों को आत्मसात किया है।
उन्होंने कहा कि हमने उत्तराखंड में भर्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की ओर मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। भर्तियों में हुई गड़बड़ियों की एसआईटी से जांच करवाकर लगभग 45 लोगों की गिरफ्तारी करवाई है तथा हम अपने बच्चों और युवाओं के साथ किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे। साथ ही वर्तमान समय में युवाओं के लिए 7000 से अधिक नियुक्तियां संबंधित विज्ञप्ति निकाली है। इस दौरान मा. मुख्यमंत्री ने भक्तदर्शन स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संबंध में महत्वपूर्ण घोषणाएं की।
उन्होंने महाविद्यालय में एमए तथा एम एससी हेतु दो पृथक पीजी ब्लॉक का निर्माण करने, एम.एस सी. में भौतिक विज्ञान व गणित तथा एमए में संस्कृत, अंग्रेजी व भूगोल के विभिन्न संकाय खोलने हेतु चरणबद्ध तरीके से आकलन कराकर उसी अनुरूप आगे कार्य करने को कहा। उन्होंने छात्रा हॉस्टल की चारदीवारी के निर्माण हेतु जिलाअधिकारी को निर्देशित किया तथा स्वरोजगारपरक कौशल विकास पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की।
इसके अतिरिक्त मा. मुख्यमंत्री जी ने विकासखंड नैनीडांडा और जयहरीखाल में मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा की। विकासखंड जहरीखाल के चिनबो तथा नैनीडांडा के आशोबाखली मैं वाटरफॉल निर्माण करने, ज़यहरीखाल ब्लाक के अंतर्गत अमटोला पंपिंग योजना की स्वीकृति प्रदान की। नैनीडांडा के गुड्डूगड़ी में पर्यटन स्थल के विकास कार्य की स्वीकृति प्रदान की। नैनीडांडा तथा रिखणीखाल विकासखंड के अंतर्गत कुमालडीडांडा, बरेही, पीपली, शिलांग, खदरासी, कर्तिया, तिमाईसैंण, डमालता, बगेडा, रीखेडा आदि में सिंचाई नेहरों के पुनरूद्धार का कार्य करवाने की स्वीकृति प्रदान की।
उन्होंने द्वारीखाल में सिंगटाली नामक स्थान पर गंगा नदी पर पुल निर्माण संबंधित प्रस्ताव के संबंध में कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव को भारत सरकार को प्रेषित किया जाएगा। उन्होंने दुगड्डा नगरपालिका अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण के संबंध में मानकों के अनुरूप आकलन कराकर तदनुसार अग्रिम कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र यम्केश्वर में केंद्रीय विद्यालय निर्माण के संबंध में कहा कि इसकी स्वीकृति के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा तथा बीन नदी के पुल निर्माण के पूर्व के बने प्रस्ताव पर अग्रिम कार्रवाई करने की बात कही। इस दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी ने भक्त दर्शन की पुत्री मीरा चौहान को सम्मानित किया तथा भक्तदर्शन स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाई गई स्टाल का भी अवलोकन किया तथा एनसीसी कैडेट द्वारा कार्यक्रम स्थल पर उनको सलामी भी दी गई। इससे पूर्व हेलीपैड पर भी मा. मुख्यमंत्री को पुलिस विभाग द्वारा सलामी दी गई।
इस दौरान माननीय विधायक लैंसडाउन महंत दिलीप रावत तथा यम्केश्वर विधायक रेनू बिष्ट ने विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया तथा जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे, ब्लॉक प्रमुख महेंद्र राणा, दीपक भंडारी व प्रशांत कुमार, नगरपालिका अध्यक्ष दुगड्डा भावना चौहान, उप जिलाधिकारी संदीप कुमार व स्मृता परमार, भक्त दर्शन स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्य लवनी राजवंशी, प्रोफेसर जानकी पंवार, प्रोफेसर कुमकुम रौतेला, प्रोफेसर विजय कुमार अग्रवाल, प्रोफेसर डीएस नेगी, प्रोफेसर बीपी उनियाल, डॉ.जितेंद्र सिंह सहित जनमानस उपस्थित रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिवाकर बेबनी ने किया।
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