थराली से हरेंद्र बिष्ट।
इस बार भाजपा पार्टी से विजयी प्रत्याशी भुपाल राम टम्टा के द्वारा 8 हजार से अधिक मतों से विजयश्री प्राप्त कर एक इतिहास कायम करने में सफलता हासिल की है।
दरअसल उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पिंडर घाटी के तीन ब्लाकों थराली, नारायणबगड़ एवं देवाल को मिला कर 2002 में पिंडर आरक्षित विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आई थी और पहले चुनाव में ही भाजपा के गोविंद लाल शाह ने कांग्रेस के स्वर्गीय प्रेमलाल भारती को 1798 वोटों से हार कर पहला चुनाव जीत लिया। इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से गोविन्द लाल शाह ने कांग्रेस के उम्मीदवार भुपाल राम टम्टा को 3133 वोटों से शिकस्त दे कर भाजपा का दबदबा इस सीट पर कायम रखा।
इसके बाद हुए परिसीमन में चमोली जिले से एक विधानसभा सीट के समाप्त होने के बाद पिंडर के तीनों ब्लाकों के साथ ही घाट विकासखंड के अलावा नंदप्रयाग क्षेत्र के कुछ हिस्से को मिला कर थराली विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आई और 2012 के चुनाव में भाजपा ने गोविंद लाल शाह का टिकट कटा कर मगन लाल शाह को अपनी उम्मीदवार बना लिया और गोविन्द लाल शाह ने बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए और कांग्रेस ने भी भुपाल राम टम्टा का टिकट काट कर डॉ जीत राम को टिकट थमा दिया और भाजपा में बगावत के चलते डॉ जीत राम 673 वोटों से जीत गए।
2017 में बीजेपी ने पुनः मगन लाल पर विश्वास जताया तो कांग्रेस ने डॉ जीत राम पर ही विश्वास जताया और इसी दौरान पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुनामी के चलते बीजेपी प्रत्याशी मगन लाल शाह ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ जीत राम को 4858 मतों से शिकस्त दी। दुर्भाग्यवश 2018 में विधायक मगनलाल शाह के आकस्मिक निधन के बाद 2018 में यहां उप चुनाव हुए और बीजेपी ने मगनलाल शाह की पत्नी मुन्नी देवी शाह को टिकट दिया जबकि कांग्रेस ने डॉ जीत राम को ही टिकट दिया और इस उप चुनाव में मुन्नी देवी ने डॉ को 1981 वोटों से पटकनी दे दी। और 2022 में बीजेपी ने निवर्तमान विधायक मुन्नी देवी टिकट काट कर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए भूपाल राम टम्टा पर विश्वास जताते हुए उन्हें चुनाव मैदान में उतारा जबकि कांग्रेस ने पुनः डॉ जीत राम पर ही विश्वास जताया किंतु भुपाल राम टम्टा ने चमोली जिले में ही नही पूरे राज्य में अधिकतम मतों से विजई होने वाले प्रत्याशीयों में सामिल हो गऐ। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी को 8302 मतों से करारी शिकस्त दी। इसके साथ ही इस सीट पर यह अब तक की सर्वाधिक मतों से जीत है। यह जीत इस लिए भी ऐतिहासिक है कि 2017 में पूरे देश में मोदी की सुनामी के बावजूद बीजेपी प्रत्याशी इस सीट से 4858 वोटों से ही जीत पाए थे।