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1 जून 2021 से प्रभावी गैर आईएसआई हेलमेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू हुआ

24/06/21
in उत्तराखंड
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नई दिल्ली, 2021ः इस 1 जून, 2021 से पूरे देश में नॉन-आईएसआई हेलमेट के उपयोग पर संपूर्ण तौर पर प्रतिबंध लागू हो चुका है और इस तरह के हेलमेट बेचने और खरीदने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पडे़गा। ऐसे में ये जरूरी हो गया है कि आप जिस हेलमेट को खरीद रहे हैं, उसकी दोबारा और अच्छी तरह से जांच करें कि वह सभी मानकों पर खरा उतरने वाला आईएसआई सर्टीफिकेशन प्राप्त हेलमेट हो। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा 26 नवंबर, 2020 को जारी अधिसूचना “दोपहिया मोटर वाहन सवारों के लिए हेलमेट (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020“ में कहा गया है कि सभी दोपहिया हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाणित होने चाहिए और 1 जून से उन पर भारतीय मानक (आईएसआई) का प्रतीक लगा होना चाहिए। इस कदम के साथ भारत सरकार ने सड़क पर दोपहिया सवारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। 


इस नए कानून का पालन न करने पर सख्त कदम उठाने और उल्लंघन करने वालों को दंडित करने का फेसला भी किया गया है। कोई भी व्यक्ति जो गैर-आईएसआई हेलमेट का निर्माण, भंडारण, बिक्री या आयात करता है, उसे 1 साल तक की कैद या न्यूनतम 1 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है जो कि 5 लाख रुपए तक बढ़ाया भी जा सकता है। 
इसके अतिरिक्त, देश में केवल बीआईएस/आईएसआई सर्टीफिकेशन वाले दोपहिया हेलमेट बेचने की अनुमति होगी, जिसका अर्थ है कि नॉन-आईएसआई हेलमेट बनाना या बेचना एक अपराध है और इस का उल्लंघन करने पर जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। भारत सरकार के इस बहुप्रतीक्षित कदम का कारण नकली और नकली दोपहिया हेलमेट की बिक्री को खत्म करना और कम गुणवत्ता वाले हेलमेट के कारण होने वाली घातक और जानलेवा सड़क चोटों के आंकड़ों को कम करना है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 3 लाख से अधिक लोग हर साल मारे जा रहे हैं लेकिन इस संख्या में केवल वहीं आंकड़ा शामिल है जो भारत सरकार द्वारा रिपोर्ट और दर्ज किया गया है। इसके विपरीत सामान्य दृष्टिकोण के अनुसार भारत में सड़क दुर्घटनाओं में दस लाख से अधिक लोग मारे जा रहे हैं क्योंकि कई दुर्घटनाएं कभी रिपोर्ट और दर्ज नहीं की जाती हैं। मानव जीवन को बचाने के लिए ऐसे सुधारात्मक उपाय समय की आवश्यकता है। नियमानुसार अब इस आदेश के पालन पर सख्ती से अमल किया जाएगा। इस नियम को ना मानने वाले लोगों को कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा।


*श्री संदीप सूद, चीफ ट्रस्टी, उत्प्रेरित कंज्यूमर फोरम*-सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली एक गैर-सरकारी संस्था ने कहा कि “भविष्य, एक तरह जहां बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर वाहनों की ओर देखता है, वहीं दूसरी ओर ये भी एक वास्तविकता है कि हर एक घंटे में 423 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती हैं। साल 2019 में, 4,37,396 सड़क दुर्घटनाओं में 1,54,732 लोगों की मौत हुई और 4,39,262 लोग घायल हुए। चूंकि सड़क दुर्घटनाएं सभी के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गई हैं और यह सब सरकार द्वारा सड़कों पर दुर्घटनाओं को रोकने और कीमती जीवन बचाने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।“


नए नियम के बारे में बात करते हुए, *सुश्री रजनी गांधी, संस्थापक महासचिव, ट्रैक्स* (ट्रैफिक रिर्फोम्स एंड एडवोकेसी एक्सपर्ट्स),-एक गैर सरकारी संगठन ने कहा कि “हेलमेट दवाओं की तरह ही जीवन रक्षक उपकरण हैं। इसलिए, यह एक बड़ा, बहुप्रतीक्षित और महत्वपूर्ण नियम है। नॉन-आईएसआई हेलमेट पर संपूर्ण प्रतिबंध आखिरकार 1 जून 2021 से लागू हो गया है। इसका मतलब है कि सड़कों पर बिकने वाले सस्ते और गैर-मानकों वाले घटिया हेलमेट अब उपलब्ध नहीं होंगे और अब इन नॉन-आईएसआई हेलमेटों की बिक्री और स्टॉक करना एक गंभीर अपराध के तौर पर दर्ज किया जाएगा।

श्री राजीव कपूर, प्रेसिडेंट, टू व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चर एसोसिएशन ने इस नए बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह नया नियम हमें अपने लक्ष्य के और करीब ले गया है और इससे भारत में दोपहिया वाहनों के उपयोग को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी, क्योंकि सड़क किनारे बिकने वाले सस्ते हेलमेट जो दुर्घटना के मामले में कम या कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, अब बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। मानव जीवन को बचाने के लिए इस तरह के सुधारात्मक उपाय लागू करना समय की आवश्यकता है।

सड़क दुर्घटनाओं के कारण सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3 प्रतिशत तक का नुकसान होता है और यह कदम निश्चित रूप से इन नुकसानों को कम करने में महत्वपूर्ण मदद करेगा। नियम का पालन करने और उल्लंघन करने वालों के लिए सख्त सजा के लिए पहले से ही सख्त प्रक्रिया है। साथ ही, आईएसआई सर्टीफाइड हेलमेट निर्माता और बड़े संगठनों को आगे आने और इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि हेलमेट की मांग निश्चित रूप से बढ़ेगी। सभी मौजूदा आईएसआई प्रमाणित निर्माताओं को निश्चित रूप से एक फायदा होगा और यहां तक कि सरकार को भी इससे फायदा होगा। इस नए नियम के लागू होने से सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा क्योंकि अभी तक असंगठित क्षेत्र की कंपनियां सरकार को बहुत कम टैक्स और ड्यूटी आदि अदा करती हैं। इस बदलाव से इस सेक्टर में काफी कुछ बदलना तय है।“


इसलिए अगली बार आप जब भी कोई नया हेलमेट खरीदें तो सुनिश्चित करें कि वह बीएसआई सर्टीफाइड हो।

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