कमल बिष्ट: कोटद्वार। गढ़वाल विधानसभा कोटद्वार की लाइफ लाइन कहे जाने वाले लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग राजनीतिक मुद्दा बनाकर उलझाया। यह कोटद्वार का दुर्भाग्य है कि लालढांग-चिल्लरखाल सड़क मार्ग अब राजनीतिक पार्टियों के लिए हारजीत का मुद्दा बन गया है। उत्तराखंड बने कई साल हीत चुके हैं परन्तु मार्ग जैसे का तैसा ही है।
इसी बात को लेकर पूर्व काबिनामंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने पत्रकारों से मुखातिब हुए उन्होंने कांग्रेस कार्यकाल के दौरान इस मोटर मार्ग पर स्वीकृति एवं शासनादेश के दस्तावेज दिखाते हुए कहा प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकारों पर लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग अपने फायदे हेतु अधर में लटकाकर, उलझाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब चुनाव आते ही वर्तमान में क्षेत्रीय विधायक हरक सिंह रावत इस मोटर मार्ग को सिर्फ सीजनल रोड़ के नाम पर कोटद्वार की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बन रही रोड़ सिर्फ सीजनल ही बनायी जा रही है, जबकि कोटद्वार की जनता लालढांग चिल्लरखाल को यातायात के लिए हमेशा के लिए खोले जाने की मांग कर रही है। पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में वर्तमान विधायक के कारनामों की पोल खोलते हुए कहा कि वर्तमान में क्षेत्रीय विधायक हरक सिंह रावत ने कोटद्वार के विकास कार्यो को आगे बढ़ाने की बजाय उलझाकर कर रख दिया है।
जिससे कोटद्वार विकास के क्षेत्र में कई साल पीटे चला गया है, पूर्व काबीना मंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस कार्यकाल में कराये गये विकास कार्यो के दस्तावेज देखाते हुए कहा कि वर्ष 2003 में सत्ता में आयी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उनके अथक प्रसास से लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग के लिए 1करोड 90लाख की धनरशि स्वीकृत करवायी गयी थी, उसके बाद द्वितीय चरण के निर्माण कार्य के लिए 2 करोड़ 78 लाख की धनराशि स्वीकृत करवाते हुए उक्त निर्माण कार्य को ईपीआई कम्पनी को ठेका भी दे दिया गया था, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद सत्ता में आयी भाजपा सरकार ने उक्त निर्माण कार्य को बंद कर दिया गया।
बकायदा भाजपा सरकार ने लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर निर्माण कार्य बंद कराये जाने को लेकर एक आदेश भी जारी किया गया था, उसके बाद फिर से वर्ष 2012 में कांग्रेस की सरकार के सत्ता में आने के बाद उक्त मार्ग पर निर्माण कार्य शुरू करवाने के लिए नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड एवं स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की शर्तो के अनुसार उक्त मोटर मार्ग के निर्माण के लिए करोड़ 6लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत करवायी गयी थी, जिसका बकायदा टेंडर भी हो गया था, लेकिन फिर 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया तथा भाजपा की सरकार आने के बाद एक बार फिर से क्षेत्रीय विधायक हरक सिंह रावत के द्वारा उक्त मोटर मार्ग को सुलझाने के बजाय उलझाया गया।
पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि अज्ञानता वश या फिर जानबूझकर उलझाने के मकसद से नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड के नियम कानूनों को दरकिनार कर दिया गया, जिससे मामला कोर्ट में पहुंचा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विधायक के द्वारा अभी तक न तो ऐलीवेटेड रोड़ हेतु डीपीआर बनाने की बात कही है, और नही एलीवेटेड रोड़ बनाने का ही जिक्र किया गया है, जिससे अभी भी उक्त मोटर मार्ग को जनता को गुमराह करने के लिए सिर्फ सीजनल बनाया जा रहा है, जिससे उक्त मोटर मार्ग पूर्व की भांति बरसात में बंद हो जायेगी, जिससे कोटद्वार की जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने मेडिकल कालेज, कण्वाश्रम के समग्र विकास, केद्रीय विद्यालय में भी रोड़ा अटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्रीय विधायक कभी नहीं चाहता है कि कोटद्वार का विकास हो, पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कोटडीढांग में टाइगर सफारी को स्वीकृत किया गया था, जिसे क्षेत्रीय विधायक हरक सिंह अपने निजी फायदे के लिए पाखरो में ले गये है, कहा कि पाखरौ में टाइगर सफारी खोले जाने से कोटद्वार के लोगों का कोई भला होगा।
कहा कि आज प्रदेश की जनता भली-भांति जान चुकी है। जिसका जबाब जनता आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में देगी। इस अवसर पर महापौर श्रीमती हेमलता नेगी, जिलाध्यक्ष डा. चन्द्रमोहन खर्कवाल, महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल, महानगर महिला अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला चौहान, विजय नारायण सिंह, बीडी नवानी, गणेश नेगी, राजेन्द्र गुसांई, बलवीर सिंह रावत, हेमचंद्र पंवार,कृष्णा बहुगुणा,_ साबर सिंह नेगी, विजय रावत, सुधांशू नेगी, आशुतोष वर्मा, धीरेन्द्र सिंह बिष्ट, बृजपाल सिंह नेगी, कृपाल सिंह सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।