अल्मोड़ा। नानीसार मामले में उपपा अध्यक्ष पीसी तिवारी, रेखा धस्माना के साथ हुई 23 जनवरी 2016 की आपराधिक घटना में जिंदल कर्मचारियों के पक्ष में सीबीसीआईडी की अंतिरम रिपोर्ट को न्यायिक मजिस्ट्रट अभिषेक कुमार श्रीवास्तव ने खारिज कर एक माह में पुनः रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
न्यायालय ने कहा कि विवेचक की रिपोर्ट तथ्यों पर गवाही पर आधारित न होकर अन्य आधारों पर की गई है, जो स्वीकार करने योग्य नही है। ज्ञातव्य है कि बीते 23 जनवरी 2016 को ग्रामीणों को मिले एक स्थगन आदेश को लेकर न्यायिक कर्मचारियों के साथ उस क्षेत्र में गये। एडवोकेट पीसी तिवारी के साथ प्रदीप जिंदल व उनके वाउन्सरों ने गेट के भीतर ले जाकर मारपीट की। इस दौरान श्री तीवारी के साथ आईं रेखा धस्माना का टेबलेट भी लूट लिया गया था। इस मामले में पीसी तिवारी के द्वारा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। सीबीसीआईडी ने जहां पीसी तवारी, रेखा धस्माना तथा नानीसार के ग्रामीणों को एससीएसटी एक्ट में तमाम धाराओं में आरोप पत्र दिया था। पीसी तिवारी द्वारा दी गई रिपोर्ट में अंतिम रिपोर्ट लगाकर जिंदल को राहत दे दी गई थी। पीसी तिवारी द्वारा सीबीसीआईडी द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट संख्या 44ध्2017 को न्यायालय में चुनौती दी गई। जिसमें उन्होंने आरोप पत्र में दर्ज बयानों सीबीसीआईडी द्वारा अभियुक्त की काल डिडेल के साथ उन पर लगाये गये एससीएसटी मामले की प्रति न्यायाल में पेश की। विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार श्रीवास्तव ने आज दिये अपने निर्णय में सीडीसीडी की अंतिम रिपोर्ट को खारिज करते हेतु कहा कि प्रस्तुत मामले में पुनः विवेचना कर अपनी रिपोर्ट एक माह के अन्दर न्यायलय में प्रस्तुत करें।