उरगम घाटी (लक्ष्मण सिंह नेगी)बद्रीनाथ धाम में इन दिनों कार्तिक स्नान की वजह से देश विदेश की सैकड़ों श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं कार्तिक का महा शास्त्रों में कहा गया है कि गंगा स्नान तीर्थ पूजा शिव भगवान व विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं और घर में लक्ष्मी का वास होता है दीपावली के पावन पर्व के बाद गुप्त नवरात्र शुरू हो जाते हैं जिन्हें कार्तिक नवरात्र के नाम से जाना जाता है पहाड़ों में अधिकांश मंदिरों में भी इस नवरात्रि के पर्व पर भव्य पूजन का आयोजन किया जाता है।
नवरात्र के पर्व पर जहां देव डोलिया भी बदरीनाथ तप्त कुंड में स्नान हेतु जाती है और बद्रीनाथ के दर्शन करते हैं इसी तरह आजकल देश विदेश के श्रद्धालु कड़ाके के ठंड के बाद भी बद्री आश्रम में पहुंच रहे हैं और दर्शन कर रहे हैं धीरे धीरे उत्तराखंड के चारो धाम की यात्राएं थमने पर जा रही है जहां गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके हैं और केदारेश्वर केदारनाथ धाम जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक लिंग है उनके कपाट भी आज बंद हो रहे हैं इस स्थिति में श्रद्धालुओं का अन्य स्थानों से दर्शन कर बद्रिकाश्रम की तरफ आने का सिलसिला जारी है।
बद्रिकाश्रम को धरती का भू बैकुंठ धाम कहा जाता है यह स्थान जहां विष्णु का अति प्रिय स्थानों में से एक है वही भगवान शंकर का भी यह अति प्रिय स्थान रहा है शास्त्र के अनुसार पहले बद्रिकाश्रम में भगवान शिव का स्थान हुआ करता था भगवान विष्णु ने अपनी माया के रूप में भगवान शंकर से इस स्थान को वरदान स्वरुप मांग लिया था उस दिन से युवा स्थान भगवान शंकर का न रह करके भगवान विष्णु का स्थान माना जाता है। बद्रीनाथ में 6 माह पूजा नर के द्वारा की जाती है वहीं छह माह पूजा नारद के द्वारा करने की मान्यताएं हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट आगामी 19 नवंबर को बंद होंगे।
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