• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

इको सिस्टम को प्रभावित कर रही हेलीकॉप्टरों की गड़गड़ाहट

17/06/25
in उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
0
SHARES
19
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

 

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में हेलीकाप्टर सेवाओं
की उपयोगिता किसी से छिपी नहीं है, लेकिन यह भी सही है कि उच्च
हिमालयी क्षेत्र में उड़ान के नियमों की अनदेखी से वन्यजीवन में खलल
पड़ रहा है। केदारनाथ अभयारण्य भी इससे अछूता नहीं है। यात्राकाल
में केदारनाथ धाम के लिए हेलीकाप्टरों के ऊंचाई के तय मानकों से
नीचे उड़ान भरने और इनकी गड़गड़ाहट से बेजबान बिदक रहे हैं।
उत्तराखंड में चार धाम से लगे उच्च हिमालयी क्षेत्र में बढ़ती हेलीकॉप्टर
दुर्घटनाओं ने चिंता और चुनौती दोनों ही बढ़ा दी हैं। इसमें यात्रियों की
सुरक्षा का प्रश्न तो समाहित है ही, हेलीकॉप्टरों की बेतहाशा उड़ान और
इनकी गड़गड़ाहट से केदारघाटी समेत अन्य क्षेत्रों में पारिस्थितिकी तंत्र
पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।केदारघाटी की ही बात करें तो वहां
हेलीकॉप्टर की उड़ान के लिए 600 मीटर की ऊंचाई का मानक है,
लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो रहा।ऐसे में वन्यजीवन में खलल पड़
रहा है। इस क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र जितना संवेदनशील है, उतना
ही संवेदनशील यहां का वन्यजीवन भी है। ऐसे में हेलीकॉप्टरों की नीची
उड़ान के कारण इसका असर पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ रहा है। वह भी
विशेषकर यात्राकाल के दौरान।केदारघाटी की बात करें तो यह
केदारनाथ अभयारण्य के अंतर्गत है। लगभग 97 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में
फैले इस अभयारण्य में हेलीकॉप्टरों की बेहद नीची उड़ान का प्रकरण
वर्ष 2014-15 में तूल पकड़ा था। राज्य के सेवानिवृत्त मुख्य वन्यजीव
प्रतिपालक के अनुसार इसके बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान के माध्यम
से अध्ययन कराया गया।अध्ययन रिपोर्ट में इस उच्च हिमालयी क्षेत्र में
उड़ानों के संबंध में निश्चित ऊंचाई तय करने समेत अन्य कई सुझाव
दिए थे। बाद में केदारघाटी में हेली सेवाओं की उड़ान की गाइडलाइन

में ये सुझाव शामिल किए गए।गाइडलाइन के अनुसार इस क्षेत्र में
मंदाकिनी नदी के तट से 600 मीटर ऊपर ही उड़ान की अनुमति है। यह
हवाई मार्ग संकरा होने के कारण वहां एक बार में सिर्फ दो हेलीकॉप्टर
ही आ-जा सकते हैं।यह भी तय किया गया था कि शाम के समय
हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भरेंगे। इन मानकों की अनदेखी पर वर्ष 2022
में तीन हेली कंपनियों को नोटिस जारी किए गए थे।यही नहीं, वन
विभाग द्वारा प्रतिवर्ष इस क्षेत्र में हेलीकॉप्टर की उड़ानों के लिए तय
मानकों का पालन करने के संबंध में हेली सेवा प्रदाता कंपनियों को
चेतावनी भी जारी करता है, लेकिन यह औपचारिकता तक ही सिमट
कर रह गई है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुआ, कस्तूरा मृग, भरल,
थार, भालू, मोनाल समेत अनेक वन्यजीवों व पक्षियों का मोहक संसार
बसता है। हेलीकॉप्टरों की नीची उड़ानों और इनके कानफोड़ू शोर के
कारण ये बेजुबान बिदकते हैं। कई बार यह स्थिति वन्यजीवों के लिए
जान का सबब बन जाती है। उच्च हिमालयी क्षेत्र बेहद संवेदनशील है।
यहां मौसम पल-पल बदलता है। कई बार तो कोहरा व धुंध इतनी होती
है कि दृश्यता शून्य हो जाती है। यह परिस्थितियां न केवल केदारघाटी
बल्कि बदरीनाथ, गंगोत्री क्षेत्र की भी हैं।ऐसे में चारधाम समेत उच्च
हिमालयी क्षेत्र में हेली सेवाओं के संचालन और सुरक्षा मानकों के
दृष्टिगत कड़े कदम उठाया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही
हेलीकॉप्टरों के संचालन के कारण उच्च हिमालयी में पारिस्थितिकी तंत्र,
जिसमें वन्यजीव भी शामिल है, पर कितना असर पड़ा है, इसका
अध्ययन होना चाहिए। गाइडलाइन के अनुसार इस क्षेत्र में मंदाकिनी
नदी के तट से 600 मीटर ऊपर उडऩे की अनुमति है। यह मार्ग बेहद
संकरा होने के कारण वहां एक बार में केवल दो हेलीकाप्टर ही आ-जा
सकते हैं। शाम के समय ये उड़ान नहीं भरेंगे। इन मानकों के अक्सर
उल्लंघन की शिकायतें आ रही हैं। उत्तराखंड भौगोलिक रूप से
चुनौतीपूर्ण राज्य है. ऐसे में प्रदेश को हर साल प्राकृतिक आपदाओं से दो
चार होना पड़ता है. आपदा की स्थिति में राहत टीमों को पहुंचने में

काफी वक्त लग जाता है. इसके साथ ही पर्यटन के लिहाज से भी
पर्यटकों को लंबा सफर तक कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना
पड़ता है. इन्हीं तमाम समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार की ओर
से अलग-अलग जगहों पर हेलीपैड बनाए जा रहे हैं. इनमें से कुछ का
काम शुरू हो गया है तो कुछ अगले दो सालों के भीतर बनकर तैयार हो
जाएंगे. राज्य सरकार पंतनगर और जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विस्तार कर
रही है. इसके लिए भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है.
पंतनगर एयरपोर्ट का विकास ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की तर्ज किया जा
रहा है. जबकि, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार जौलीग्रांट एयरपोर्ट का
विकास किया जा रहा है. *लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार*
*दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*

ShareSendTweet
Previous Post

किताब कौतिक अभियान के तहत 14वां पुस्तक मेला पिथौरागढ़ जिले के ऐतिहासिक शहर डीडीहाट में संपन्न

Next Post

नंदा राजजात यात्रा में यात्रा मार्ग पर दूरसंचार की व्यवस्थाओं के साथ डिजिटल ट्रेकिंग सिस्टम बनाया जाए- मुख्यमंत्री

Related Posts

उत्तराखंड

हिंदी और हिंदुस्तान को आजीवन समर्पित रही मैथिलीशरण गुप्त की कलम

August 3, 2025
13
उत्तराखंड

रोजगार और आमदनी: उम्मीद की किरण

August 3, 2025
10
उत्तराखंड

सिंचाई विभाग के चयनित 144 अभ्यर्थियों एवं परिवहन निगम में मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत 43 पात्र आश्रितों को नियुक्ति पत्र वितरित किए

August 3, 2025
27
उत्तराखंड

निर्माणाधीन हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट साइट पर भारी लैंडस्लाइड

August 2, 2025
12
अल्मोड़ा

दिग्गजों में शुमार थे स्व. सोबन सिंह जीना

August 2, 2025
7
उत्तराखंड

विश्वविद्यालय की लापरवाह प्रणाली से छात्र परेशान: शाह

August 2, 2025
14

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

हिंदी और हिंदुस्तान को आजीवन समर्पित रही मैथिलीशरण गुप्त की कलम

August 3, 2025

रोजगार और आमदनी: उम्मीद की किरण

August 3, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.