• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

इंसानों के साथ पर्यावरण के लिए भी घातक हैं एक्सपायर्ड मेडिसिन!

19/06/25
in उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
0
SHARES
16
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

 

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

उत्तराखंड में दवाओं के वैज्ञानिक, सुरक्षित और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए उसके
निस्तारण के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. राज्य सरकार ने केंद्रीय औषधि
मानक नियंत्रण संगठन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-
निर्देशों को राज्य में लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. ये निर्णय सिर्फ एक
प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं होगी, बल्कि उत्तराखंड को देशभर में “हरित स्वास्थ्य प्रणाली” का
मॉडल बनाने की दिशा में एक पहल होगी.एफडीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया
कि राज्य में हरित स्वास्थ्य प्रणाली लागू करने जा रहे हैं. ऐसे में एक्सपायर्ड और अनयूज्ड
दवाओं के निस्तारण को लेकर अभी तक को बेहतर सिस्टम नहीं था. साथ ही पर्यावरणीय
दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में दवाओं का डिस्पोजल एक बड़ी चुनौती है. जिसको देखते
हुए राज्य एक सुनियोजित प्रणाली के तहत नियंत्रित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. साथ
ही बताया कि दवाओं के निर्माण से लेकर इस्तेमाल तक और फिर उसके डिस्पोजल तक के हर
चरण को ध्यान में रखकर प्रक्रिया तय की गई है.उन्होंने आगे कहा कि स्वस्थ नागरिक, स्वच्छ
उत्तराखंड मिशन के तहत ये पहल राज्य को एक हरित और सतत स्वास्थ्य सेवा मॉडल की
ओर ले जाएगी. इस निर्णय से प्रदेश को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरणीय
जिम्मेदारी और स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की संभावनाओं को बढ़ाएगा.
इस पूरी प्रक्रिया से जुड़े सभी पक्षों, नीति निर्धारकों, व्यावसायिक संगठनों और आम
नागरिकों की सक्रिय भूमिका ही इस मिशन को सफल बना सकती है. हालांकि, राज्य इस
दिशा में एक मिसाल बनने की ओर बढ़ रहा है.स्वास्थ्य विभाग की योजना के अनुसार
उत्तराखंड के शहरी, अर्ध-शहरी और पर्वतीय इलाकों में ड्रग टेक-बैक साइट्स बनाई जाएगी,
जहां लोग अपने घरों में पड़ी अनयूज्ड, एक्सपायर्ड या खराब हो चुकी दवाएं जमा करा
सकेंगे. इन केंद्रों से दवाओं को वैज्ञानिक ढंग से एकत्र कर प्रोसेसिंग यूनिट्स में डिस्पोजल
किया जाएगा. जिसमें दवाओं को एक्सपायर्ड, अनयूज्ड, रीकॉल की गई और कोल्ड चेन में
खराब जैसी श्रेणियों में बांटने का प्रावधान है. निस्तारण के लिए इनसिनेरेशन और
एनकैप्सूलेशन जैसी तकनीकों का सुझाव दिया गया है. कलर-कोडेड बायोमेडिकल वेस्ट
बैग्स, ट्रैकिंग और लॉग बुक सिस्टम जैसी व्यवस्थाएं इसे और बेहतर बनाती हैं. ये
गाइडलाइन डब्ल्यूएचओ के मानकों और बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के
अनुसार तैयार की गई है, ताकि मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर दवाओं के नुकसान को
कम किया जा सके.राज्य में दवाओं के निस्तारण के लिए अभी तक जो व्यवस्था थी, वो
बेहतर नहीं थी. ऐसे में इसे एक थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग सिस्टम और स्थानीय ड्रग इन्फोर्समेंट
यूनिट्स के जरिए नियंत्रित किया जाएगा. निर्माता कंपनियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं,
अस्पतालों और उपभोक्ताओं के लिए जवाबदेही तय की जाएगी. क्योंकि अनियंत्रित तरीके से
दवाओं का निस्तारण से न सिर्फ पर्यावरण बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन
सकता है. ऐसे निस्तारण से नदियों, झीलों और भूमिगत जल स्रोतों में विषैले रसायनों का
मिश्रण हो सकता है, जो प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाता है. लिहाजा, राज्य
औषधि नियंत्रण विभाग को मॉनिटरिंग एजेंसी बनाया जाएगा, ड्रगिस्ट्स एंड केमिस्ट्स
एसोसिएशन को टेक-बैक सिस्टम में जोड़ा जाएगा, जिलों में टास्क फोर्स गठित की जाएगी
और ई-ड्रग लॉग सिस्टम के जरिए डेटा की निगरानी और ऑडिट की व्यवस्था की जाएगी.
किसी भी व्यक्ति के बीमार होने पर जीवन रक्षक दवाइयां मरीज को ठीक करने में जितनी
बेहतर और कारगर साबित होती हैं, एक्सपायर होने के बाद उतना ही ये प्रकृति के लिए
नुकसानदायक होती हैं. किसी भी दवा की एक्सपायरी डेट अधिकतम करीब तीन साल तक
की होती है, लेकिन अगर उसे एक्सपायर्ड होने से पहले कंज्यूम नहीं किया गया, तो फिर वह
दवा खराब हो जाती है, जिसे फेंक दिया जाता है. केंद्र और राज्य सरकार के लिए मेडिकल
वेस्ट में खासकर एक्सपायरी दवाइयों का वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोजल करना हमेशा से
बड़ी चुनौती रहा है. क्योंकि एक्सपायरी दवाइयों का सही ढंग से डिस्पोजल न होना
पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदायक माना जाता है. ये पर्यावरण के लिहाज से
संवेदनशील उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है. इसके अलावा
उत्तराखंड में सैकड़ों फार्मा कंपनियां हैं, जहां से बड़ी संख्या में मेडिकल वेस्ट निकलते हैं. ऐसे
में अत्यधिक मात्रा में निकलने वाले मेडिकल वेस्ट का प्रॉपर डिस्पोजल करना, उत्तराखंड के
लिए बहुत जरूरी है. बिना वैज्ञानिक तरीके से दवाओं का निस्तारण न करने से ये दवाएं न
सिर्फ पर्यावरण पर असर डाल सकती हैं, बल्कि लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो
सकती हैं. क्योंकि दवाओं का प्रॉपर निस्तारण न होने से नदियों, झीलों और भूमिगत जल
स्रोत दूषित हो सकते हैं. इसके साथ ही दवाओं का गलत और अत्यधिक इस्तेमाल करने से
एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी समस्या भी बढ़ सकती है. इन चुनौतियों को देखते हुए ही
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि टेक-बैक सिस्टम लागू किया जाएगा. जिलों में टास्क
फोर्स गठित किए जाएंगे और ई-ड्रग लॉग सिस्टम के जरिए डेटा की निगरानी एवं ऑडिट की
व्यवस्था की जाएगी. इससे नदियों और झीलों में रसायनिक प्रदूषण का खतरा रहता है।
बच्चों या जानवरों के संपर्क में आने पर यह गंभीर संकट भी पैदा कर सकती हैं।उन्होंने कहा
कि अब इस पूरी प्रक्रिया में सभी जिम्मेदार होंगे, चाहे वह दवा निर्माता हों, थोक व्यापारी,
रिटेलर, अस्पताल या आम उपभोक्ता। थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग सिस्टम, ई-ड्रग लॉग, और
स्थानीय ड्रग इन्फोर्समेंट यूनिट्स के जरिए निगरानी की जाएगी। राज्य में दवाओं के
निस्तारण को लेकर अब तक जो कार्यप्रणाली थी, वह बिखरी हुई और असंगठित थी। अब
हम इसे थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग सिस्टम और स्थानीय ड्रग इन्फोर्समेंट यूनिट्स के माध्यम से
नियंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि निर्माता कंपनियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं, अस्पतालों
व उपभोक्ताओं, सभी के लिए जवाबदेही तय की जाएगी। हम इस दिशा में जन-जागरूकता
के व्यापक अभियान भी चलाएंगे ताकि आम नागरिक भी इस व्यवस्था में भागीदार बनें।
राज्य औषधि नियंत्रण विभाग को मॉनिटरिंग एजेंसी बनाया जाएगा। ड्रगिस्ट्स एंड
केमिस्ट्स एसोसिएशन को टेक-बैक सिस्टम में जोड़ा जाएगा। जिलों में टास्क फोर्स गठित
होंगे और ई-ड्रग लॉग सिस्टम के माध्यम से डेटा की निगरानी व ऑडिट की व्यवस्था की
जाएगी!। *लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*

ShareSendTweet
http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne-1.mp4
Previous Post

सत्य जीवन का आधार है: आचार्य डॉ प्रदीप सेमवाल

Next Post

आदलि कुशलि कुमाउनी मासिक पत्रिका- पिथौरागढ़ तत्वावधान में हुयी विविध प्रतियोगिताएं

Related Posts

उत्तराखंड

राड़ीबगड़ स्थिति उपजिलाधिकारी थराली के कार्यालय एवं न्यायालय भवन के पीछे बिना बरसात के ही भूस्खलन

August 25, 2025
3
उत्तराखंड

अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने आपदाग्रस्त थराली एवं चेपड़ो क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया

August 25, 2025
4
उत्तराखंड

डोईवाला: डरा धमकाकर जमीन कब्जाने वाले गिरोह को किया गिरफ्तार

August 25, 2025
5
उत्तराखंड

देहरादून की हरियाली सिमटी

August 25, 2025
7
उत्तराखंड

लापता चल रहें गंगा दत्त जोशी की खोज के लिए तीसरे दिन युद्धस्तर पर कार्य जारी

August 25, 2025
8
उत्तराखंड

पिंडर घाटी के तीनों विकासखंडों के स्कूल 25-26 अगस्त को बंद रहेंगे

August 24, 2025
4

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne-1.mp4

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

राड़ीबगड़ स्थिति उपजिलाधिकारी थराली के कार्यालय एवं न्यायालय भवन के पीछे बिना बरसात के ही भूस्खलन

August 25, 2025

अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने आपदाग्रस्त थराली एवं चेपड़ो क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया

August 25, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.