फाइल फोटो–भगवान फयूॅलानारायण् का श्रीविग्रह।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। प्रसिद्ध हिमालयी धाम फयूॅलानारायण के कपाट श्रावण संक्राति को पूरे विधि-विधान के साथ खोल दिए जाएंेगे। इससे पूर्व पंचनाम चैक से इस वर्ष के बारीदार को बाजे7गाजो के साथ फूयॅलानारायण धाम भेजा जाऐगा।
प्ंाच बदरी एंव पंच केदारों की भूमि उर्गम घाटी मे विराजमान भगवान कल्पनाथ के शीर्ष पर करीब दस हजार फीट की ऊॅचाई पर हिमालयी वुग्याल के बीच है भगवान फयूॅलानाराण का मंदिर। जहाॅ प्रतिवर्ष श्रावण संक्राति के पर्व पर मंदिर के कपाट खोले जाते है। और नंदाष्टमी पर्व पर कपाट बंद किए जाते है। इस दौरान गाॅव के बारीदारों द्वारा अनवतर वहाॅ रहकर भगवान नारायण की पूजा/अर्चना की जाती है। भगवान नारायण को सत्तू, दूध व मक्कख का ही भोग लगाया जाता है।
उच्च हिमालय मे फयॅूलानारायण ही एक ऐसा मंदिर है जहाॅ महिला पुजारिन भी होती है। मंदिर की पौराणिक पंरपरानुसार इस मंदिर मे भगवान के स्नान के लिए जल व पुष्प दस वर्ष की आयु से कम की कन्या अथवा साठ वर्ष से अधिक की महिला ही ला सकती है। इस वर्ष के बारीदार भेटा गाॅव के पूरण ंिसह मंमगाई एव महिला पुजारन 75वर्षीय पार्वती देवी है।
श्रावण संक्राति के अवसर पर भर्की के पंचनाम चैक से इस वर्ष के बारीदार को घंटी व चिमटा तथा गाॅव मे एकत्रित किया गये भोग प्रसाद की सामग्री दी जाती है। वारीदार अपनी गाय-बच्छियो के साथ प्रस्थान करेगे। कपाटोदघाटन के मौके पर भर्की के प्रधान दुलब सिंह रावत, भूमियाल देवता के प्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह नेगी, मेला समिति के अध्यक्ष हर्षबर्धन सिंह फरस्वांण,पूर्व अध्यक्ष रामचंद कण्डवाल,उजागर सिंह फरस्वांण,, युवक मंगल दल अध्यक्ष देवेन्द्र सिह चैहान सहित उर्गम घाटी के कई गाॅवों के ग्रामीण मौजूद रहेगे।