अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी ने गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाने की मांग करने वाले दर्जनों आन्दोलनकारियों पर लगाये गये अपराधिक मुकदमें सरकार से वापस लेने की मांग की।
उपमा के केन्द्रीय अघ्यक्ष पी0सी0 तिवारी ने कहा है कि गतवर्ष 22 मार्च 2018 को गैंरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान आन्दोलन कर रहे 38 सामाजिक कार्यकर्ताओं पर एक दर्जन आपराधिक धारायें लगाकर उन पर मुकदमें शुरु कर दिए गए है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है और राज्य की जनता इसे सहन नहीं करेगी। पी0सी0 तिवारी ने कहा कि गतवर्ष 20 मार्च से भराड़ीसैण में शुरु हुए। विधानसभा सत्रा के दौरान हजारों लोगों ने गैरसैंण पहुंचकर गैरसैंण को स्थाई राजधनी घोषित करने की मांग की थी।
इस मांग की उपेक्षा करने पर 22 मार्च को गैरसैंण आयोजित प्रदर्शन में शामिल हुए। 38 लोगों के खिलापफ पुलिस ने आरोप पत्रा प्रस्तुत किया है। जिनको 3 मार्च को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश मिला है। उपमा अघ्यक्ष ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की अस्मिता के लिए संघर्षरत राजधनी बनाओं आन्दोलन के प्रमुख नेताओं पर की गयी यह कार्यवाही सरासर गलत है जिसका पार्टी विरोध करती है।