

पेशावर कांड की 90वीं जयन्ति पर विशेष
( भुवन नौटियाल )
गैरसैंण। वी सी दरवानसिंहं नेगी से प्रभावित थे चंद्र सिंह गढ्वाली प्रथम विश्व युद्ध में प्रथम भारतीय विक्टोरिया क्रास विजेता वी सी दरवान सिंह नेगी के अदम्य साहस , शौर्य के साथ साथ आजादी के छद्म युद्ध जीतने के कौशलसे वीर नायक चंद्र सिंह गढवाली अत्यधिक प्रभावित रहे। और उन्होंने सेन में रहते हुए स्वतंत्रता सैनानियों पर गोली चलाने से इंकार कर ब्रिटिस हुकुमत की चूलें हिला दी थी। वी सी साहब व गढवाली जी द्वारा तैयारी किये गये वातावरण की बंुनियाद पर विदेश की सरजमीं पर आजाद हिंद फौज का गठन बाबू सुभाष चंद्र बोस ने किया जिसमें सर्वाधिक योगदान गढवाली सैनिकों का रहा। इन सब घटनाओं के दबाव के कारण आखिरकार देश आजाद हुआ।
पेशावर कांड के हीरो चंद्रसिंह गढवाली पर अनेक पुस्तकों का प्रकाशन हुआ है। राहुल संास्कृत्यायन की पुस्तक काफी चर्चा में रही। रंगकर्मी अनूप गुसांई ने काफी शोध किया है। और वे एक नाटक की तैयारी में जुटे हैं। शिवराज सिंह रावत निसंग की पुस्तक में ंनई जानकारियां दी गई हैं।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन के केंद्र में गढवाली जी का सपना दूधातौली राज्य की राजधानी बने की ओर आज उत्तराखंड बढ रहा है। दूधातौली पर्वत श्रृखंलाओं की सीमा पर गैरसैंण भराडीसैंण में गृश्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा हो चुकी है। जिसके निकट कोदियाबगड में गढवाली जी की समाधि स्थल है। पेशावर कांड की 90वी जयंती पर वीर गढवाली जी को शत शत नमन।