• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

घुसपैठियों का समर्थन करने वालों के खिलाफ क्यों नहीं देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए?

चार बार सुप्रीम कोर्ट में माफी मांग चुके हैं राहुल गांधी, एक बार और मांगेंगे माफी?

30/08/25
in उत्तराखंड, क्राइम, दुनिया, देहरादून
18
SHARES
23
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

शंकर सिंह भाटिया
‘वोट चोर गद्दी छोड‘़ का नारा आज बिहार की गलियों से लेकर संसद के पटल तक गूंज रहा है। इंडिया गठबंधन से जुड़े दल यह नारा लगाकर अपनी पीठ खुद थपथपा रहे हैं। क्या कोई राजनीतिक दल अपने विरोधी पर वोट चोरी का आरोप लगाकर इस आरोप के साबित हुए बिना दूसरे पर चोर होने का ठप्पा लगा सकता है? राहुल गांधी क्या भूल गए हैं कि जब उन्होंने चौकीदार चोर है का नारा लगाया था, तब कोर्ट में इसके लिए उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी? राहुल गांधी अब तक इसी तरह से आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में चार बार मांफी मांग चुके हैं, इसके बावजूद प्रधानमंत्री पर एक और अप्रमाणित आरोप थोपकर वह क्या साबित करना चाहते हैं?
वोट चोरी के आरोप लगाते हुए उन्होंने सीएसडीएस के उन आंकड़ों को अपने आरोप के पक्ष में सबसे मजबूत आधार बनाया था, जिसमें सीएसडीएस ने महाराष्ट्र के हालिया विधानसभा चुनाव को लेकर दो विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं के आंकड़ों को रखा था, जिसमें यह साबित करने की कोशिश की गई थी कि 2024 में हुए लोक सभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में एक विधानसभा क्षेत्र में दो लाख से अधिक मतदाता कम हो गए। यदि ये आंकड़े पुख्ता होते तो यह बहुत बड़ी गड़बड़ी होती। लेकिन जब चुनाव आयोग ने सीएसडीएस को इन आंकड़ों को साबित करने की चुनौती दी तो सीएसडीएस के प्रमुख संजय कुमार ने इन आंकड़ों में गड़बड़ी की बात मानी और इसे अपनी टीम की गलती बताते हुए इन आंकड़ों को हटा दिया। इस गलती के लिए उन्होंने माफी भी मांग ली। अब सवाल उठता है कि जिन आंकड़ों को आधार मान कर राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन के लोग सरकार पर वोट चोरी कर सत्ता में आने का आरोप लगा रहे थे, उन्हीं आंकड़ों को जारी करने वालों ने उन्हें अपनी गलती मान लिया तो वोट चोरी के आरोप में कितना दम रह जाता है। अब राहुल गांधी तथा इनके गठबंधन के लोग अब कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा में 6.5 लाख वोटरों में से एक लाख फर्जी वोटर होने का दावा कर रहे हैं। जबकि कर्नाटक के मामले में तो वहां की कांग्रेस सरकार के एक मंत्री ने इस गड़बड़ी के लिए कांग्रेस की राज्य सरकार को ही जिम्मेदार बता दिया तो उन्हें मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया गया।
इंडिया गठबंधन के नेता बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पर भी सवाल उठा रहे हैं। लेकिन गड़बड़ी कहां पर है यह नहीं बता रहे हैं। बिहार में पूरी प्रक्रिया के दौरान सिर्फ तीन शिकायतें आई हैं। इतना जरूर है कि जिन्हें आयोग की सूची में मृत घोषित किया गया है ऐसे सात लोगों को आयोग के सामने प्रस्तुत करने के बजाय सीधे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया है। गलतियां हो सकती हैं, उनमें सुधार तभी होगा जब सभी पक्ष गलतियों की तरफ इंगित करेंगे। बिहार में एक लाख साठ हजार से अधिक बीएलए इन्हीं गलतियों पर नजर रखने के लिए कार्यरत हैं, लेकिन एसआईआर पर वे सिर्फ तीन शिकायतें ला पाए। मृत लोगों को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाता है, उनके साथ चाय पीने का प्रदर्शन किया जा सकता है, लेकिन बीएलए और बीएलओ मिलकर इस गलती को चुनाव आयोग के स्तर पर क्यों नहीं ठीक कर सकते? मतदाता सूची में गलती सिर्फ चुनाव आयोग की जिम्मेदारी नहीं है, बीएलओ, बीएलए समेत तमाम राजनीतिक दलों एवं आम आदमी की भी जिम्मेदारी है, जहां उन्हें गलती नजर आती है, वहां सीधे आयोग को इसके लिए सूचित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट में प्रदर्शन कर आप क्या दिखाना चाहते हैं?
इंडिया गठबंधन के दलों का विरोध कहां तक सही है? पहले आप इवीएम को हैक कर चुनाव जीतने का आरोप लगाते हैं, इसे साबित करने की चुनौती को स्वीकार नहीं करते। इस पर माहौल नहीं बना तो मणीपुर के सवाल को गरमाने की कोशिश होती है, वह भी काम नहीं आया तो वोट चोरी का नया आरोप लेकर आते हैं। एनडीए गठबंधन पर वोट चोरी कर चुनाव जीतने का आरोप लगाने वालों के साथ कई अंतर्राष्ट्रीय इंफ्लुएंसर शामिल होने के आरोप सामने आ रहे हैं। पैसा देकर अमेरिका यूरोप के बड़े अखबारों में खबरें छपवाए गए हैं। ताकि वोट चोरी का मामला विदेशों में माहौल बनाने के काम आ सके। जिस तरह चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाकर पाकिस्तान में इमरान खान को सत्ता से बाहर किया गया, जिस तरह चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाकर श्रीलंका में अराजकता फैलाई गई, जिस तरह बांग्लादेश में चुनावी गड़बड़ी का आरोप लगाकर शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किया गया, ऐसा ही कुछ भारत में देखने की ख्वाहिश रखने वालों की इच्छाएं आसमान छू रहीं हैं। वोट चोरी का आरोप उसी तरह का टूलकिट तैयार करने की कोशिश हो सकती है।
लेकिन क्या भारत बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान हो सकता है? दरअसल पिछले तीन आम चुनावों से राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। 2014 के लोेक सभा चुनाव में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए जरूरी सीटें भी नहीं जीत पाई थी। 2019 में इससे थोड़ा आगे बढ़ पाई थी कांग्रेस। हालात इस तरह खराब हो गए कि 2024 में जब कांग्रेस 99 सीटें जीतकर आई तो पार्टी नेतृत्व इस कदर खुशी जताते हुए झूमने लगा, जैसे कांग्रेस को बहुमत मिल गया हो।
99 सीटें जीतकर खुशी से उछलने वाली कांग्रेस की मनोदशा को समझा जा सकता है कि पार्टी नेतृत्व किस कदर डरा हुआ है। कांग्रेस नेतृत्व को लग रहा है कि आने वाले 2029 और उसके बाद 2034 में भी कांग्रेस गठबंधन के साथ भी बहुमत के करीब शायद ही पहुंचे। इसलिए इस तरह के वोट चोर जैसे जुमले को लेकर राहुल गांधी इस कदर दुराग्रही होते दिखाई दे रहे हैं।
राहुल गांधी को याद होगा राफेल खरीद को लेकर दलाली खाने का आरोप लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के सामने उन्होंने अपने आरोप वापस ले लिए। उन्होंने चौकीदार चोर है जैसे नारे बुलंद किए थे, कोर्ट में उन्हें इन शब्दों के लिए माफी मांगनी पड़ी थी। उससे पहले उन्होंने आरएसएस महात्मा गांधी की हत्यारी जैसा अपना बयान वापस लिया, कोर्ट ने उन्हें नसीहत देकर छोड़ा। ‘सारे मोदी चोर है‘ं मामले में भी उन्होंने कोर्ट के समक्ष माफी मांगी। अब वह बिहार में वोट यात्रा निकालते हुए केंद्र सरकार और पूरी भाजपा को वोट चोर बता रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट चोरी का आरोप लगाने के पीछे राहुल गांधी की एक और मानसिकता काम करते हुए दिखाई दे रही है। राहुल गांधी की तीन पीढ़ियां देश का प्रधानमंत्री बन कर भारत पर राज कर चुकी हैं। एक राहुल गांधी ही हैं, जिनके लिए प्रधानमंत्री की कुर्सी के अंगूर खट्टे हो गए हैं। यह परिवार प्रधानमंत्री की कुर्सी को अपनी विरासत मानता है। इसलिए राहुल गांधी सरकार चुनने वाले देश भर के वोटरों पर अपना नैसर्गिक अधिकार मानते है, इसलिए लगातार तीन चुनावों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलने वाले वोटों को चुराए हुए वोट मानते हैं? उन्हें लगता है कि निकट भविष्य में भी नरेंद्र मोदी के रहते उनके लिए कोई जगह नहीं बन रही है, इसलिए वह वोट चोरी जैसे जुमले गढ़ कर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं? अपने पारिवारिक विरासत को लेकर जो घमंड राहुल गांधी के दिल में हिलौरें मार रहा है, वह सदन में शब्द बनकर बाहर आ जाता है? जब वह सदन में कहते हैं कि जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आते हैं तो मुझे हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं, लेकिन मोदी ऐसा नहीं करते, वह बहुत गंभीर मुद्रा में रहते हैं बिना मुझे नमस्कार किए अपनी सीट पर बैठ जाते हैं। जब कोई व्यक्ति नेता प्रतिपक्ष ही क्यों न हो, अपने से उम्र, तजुर्बे और पद में बड़े नरेंद्र मोदी से यह अपेक्षा करता हो कि वह पहले हाथ जोड़कर उन्हें नमस्कार क्यों नहीं करते? तो उस व्यक्ति पर अहंकार, पारिवारिक श्रेष्ठता का दंभ साफ तौर पर झलकता है।
नेता प्रतिपक्ष के इस तरह के दुराग्रहों, बिना साबित हुए सामने वाले को चोर घोषित कर देने की ढीढता उनके अंदर की उदिग्नता को ही खोलकर बाहर ले आती है। बिना आधार के किसी को भी चोर घोषित करने से पहले उन्हें अपने गिरेवान में जरूर झांक लेना चाहिए कि बिहार चुनाव में जिस पार्टी के साथ वह दूसरों पर वोट चोर होने का आरोप लगा रहे हैं, उसके नेता लालू प्रसाद यादव कोर्ट से चारा चोर घोषित हो चुके सजायाफ्ता चोर हैं, अभी जमानत पर बाहर हैं। उन पर चोरी के बहुत सारे मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं। सत्यापित चोरांे के साथ गोलबंदी कर दूसरों पर चोर होने का आरोप लगाना ढीढता नहीं तो और क्या है?
इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी से जुड़े बहुत सारे लोग अब यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि रोहिंग्या बहुत गरीब हैं, उन्हें भारत में ही रहने दिया जाए। कुछ कह रहे हैं कि यह जमीन सबकी है बांग्लादेशी, रोहिंग्या, पाकिस्तानी सभी को यहां रहने का अधिकार है। एसआईआर की कार्यवाही करते हुए जब चुनाव आयोग विदेशियों को वोटिंग का अधिकार न देने की बात करता है तो इंडिया गठबंधन के लोग चिल्लाने लगते हैं कि चुनाव आयोग को नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं है। इससे यह साफ जाहिर हो जाता है कि इंडिया गठबंधन के सभी दल चाहे वह कांग्रेस हो या आरजेडी या टीएमसी घुसपैठियों को भारत का वोटर बनाने के लिए ऐसी धुंआधार बैटिंग कर रहे हैं। एसआईआर का विरोध भी घुसपैठियों को बनाए रखने के लिए है। अवैध घुसपैठियों को भारत के नागरिकों का अधिकार छीनने का समर्थन करने वाले कैसे देश भक्त हो सकते हैं? घुसपैठियों से सहानुभूति रखने वाले, उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए?

Share7SendTweet5
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

डोईवाला: बार एसोशिएशन के अध्यक्ष पद पर तीन पत्रों की बिक्री

Next Post

प्रखर समाजवादी एवं उत्तराखंड राज्य समूचे पाली पछाऊं क्षेत्र के विकास पुरुष

Related Posts

उत्तराखंड

जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर टाउनहॉल कार्यक्रम आयोजित किया गया

November 15, 2025
16
उत्तराखंड

प्रो. ऋतु रखोलिया को सम्मानित किया गया

November 15, 2025
10
उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में वेणु अग्रहारा ढ़ींगरा की पुस्तक लीडिंग लेडीज ऑफ इण्डिया पुस्तक का विमोचन किया

November 15, 2025
6
उत्तराखंड

नारायण नगर महाविद्यालय में जनजातीय गौरव दिवस अत्यंत उत्साह के साथ मनाया

November 15, 2025
9
उत्तराखंड

कालेज में संपन्न हुई करियर गाइडेंस एवं शारीरिक शिक्षा कार्यशाला

November 15, 2025
9
उत्तराखंड

अटल उत्कृष्ट पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज देवाल में खंड स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता का आयोजन

November 15, 2025
6

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67503 shares
    Share 27001 Tweet 16876
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45757 shares
    Share 18303 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38034 shares
    Share 15214 Tweet 9509
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37426 shares
    Share 14970 Tweet 9357
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37305 shares
    Share 14922 Tweet 9326

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर टाउनहॉल कार्यक्रम आयोजित किया गया

November 15, 2025

प्रो. ऋतु रखोलिया को सम्मानित किया गया

November 15, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.