गैरसैंण। श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम के संस्थापक और गढ़वाल विश्वविद्यालय स्थापना के अग्रणी प्रेरक स्वामी मंमथन की 30वी पुण्य तिथि पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं और संस्था कर्मियों और उनके परिचितों द्वारा अपने घरों में ही भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की गई।
प्रतिवर्ष 6 अप्रैल को स्वामी मनमंथन की पूण्य तिथि के दिन सामाजिक सरोकारों से संबधित विषयों पर उत्तराखंड के गैरसैँण, उत्तरकाशी, टीहरी आदि विभिन्न स्थानों में सभायें और गोष्ठियों का आयोजन होते रहा है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में सभायें, गोष्ठियां करना संभव नहीं हो पाया है जिससे समाजिक संगठनों, कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, कृष्णानंद मैठाणी, भुवन नौटियाल, महेश जुयाल, जानकी रावत, राजेंद्र रावत, संस्था के सचित ज्ञानसिंह रावत, पी एम गिरीश डिमरी और स्वामी ममंथन के जानने वालों ने घरों में रह कर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित और दीप प्रज्वलित कर श्रृद्धांजली अर्पित की।
स्वामी मनमंथन ने गढवाल विश्वविद्यालय की स्थापना, चंद्रबदनी में बलि प्रथा पर रोक लगाना, सिलकोट चाय बागान पर स्थानीय लोगों को हक हकूक दिलाना, बंटा आंदोलन के माध्यम से हिंडोलाखाल पम्पिंग योजना से लेकर कई महत्वपूर्ण कार्यों को करते हुए पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए संस्था की स्थापना कर लोगों की सेवा में लग गये थे। उनके
प्रयासों के फलस्वरूप संस्था आज पूरे उत्तराखंड में उनके सप्नों को साकार करते हुए आगे बढ़ा रही है।