थराली से हरेंद्र बिष्ट।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इस क्षेत्र की 7 मोटर सड़कों को निर्माण खंड लोनिवि थराली को रखरखाव के लिए हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं। इसके साथ ही रखरखाव के लिए बिना किसी धनराशि की व्यवस्था किए बगैर ही सड़कों को लोनिवि को हस्तांतरित होने वाली सड़कों के भवष्य को लेकर कई तरह के प्रश्न उठने लगे हैं।
दरअसल पिछले 20 सालों के समया अंतराल के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत पिंडर घाटी के नारायणबगड़,थराली व देवाल ब्लाकों में करीब चार दर्जन से अधिक छोटी एवं लंबी मोटर सड़कों का निर्माण कार्य या तों पूरा हो चुका हैं अथवा गतिमान हैं। इस क्षेत्र में अब तक सबसे अधिक मोटर सड़कों का निर्माण पीएमजीएसवाई के तहत गठित आरडब्लूडी के डीविजन के द्वारा किया गया हैं। हालांकि पिछले तीन-चार सालों में तेजी के साथ सरकार के द्वारा सड़कों का निर्माण कार्य एनपीसीसी कंपनी को दिया गया हैं।
अब आरडब्लूडी के पीएमजीएसवाई के कर्णप्रयाग डीविजन के द्वारा अपने पास रखरखाव की समयावधि पूरी होने के बाद लोनिवि को तीनों ब्लाकों की कुल 7 मोटर सड़कों को लोनिवि थराली को रखरखाव के लिए हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैं। इसके तहत बकायदा पिछले महीनों कर्णप्रयाग डीविजन के अधिशासी अभियंता के द्वारा लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर संयुक्त निरीक्षण कर सड़कों को हैंड ओवर लेने की बात कही है।
पत्र के अनुसार पहले चरण में थराली ब्लाक के अंतर्गत 7.46 किमी डुंग्री- रूईसाण,6.10 किमी डुंग्री-रतगांव,16.50 किमी थराली-कुराड़,9 किमी नंदकेसरी-जोला, नारायणबगड़ ब्लाक के तहत 8.38 किमी सिमली-सणकोट एवं देवाल ब्लाक के अंतर्गत 6.50 किमी बोरागाड़-चौड़,6.50 किमी ल्वाणी-सुय्या मोटर सड़कों का हस्तांतरण होना तैय माना जा रहा हैं। किन्तु लोनिवि को बिना किसी धनराशि मुहैया करवाएं ही रखरखाव को दिए जाने से इन सड़कों के संचालन को लेकर कई तरह के प्रश्न उठने लगे हैं।
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मोटर सड़कों को लोनिवि को हस्तांतरित करने पर जिला पंचायत सदस्य देवी जोशी ने कहा कि बिना धनराशि के सड़कों का लोनिवि कैसे रखरखाव करेगा समझ नही आता है। बताया कि पिछले महीने थराली की क्षेत्र पंचायत की बैठक में यह मुद्दा सदस्यों ने उठाते हुए मांग की थी कि लोनिवि को धनराशि के साथ ही सड़कों को हस्तांतरित किया जाना चाहिए।
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इस संबंध में देवाल के पूर्व प्रमुख एडवोकेट डीडी कुनियाल ने कहा कि पीएमजीएसवाई द्वारा हस्तांतरित की जाने वाली सड़कों के संयुक्त निरीक्षण के दौरान दोनों विभागों के आलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी सामिल किया जाने चाहिए ताकि निर्मित सड़कों की खामियों को देखा एवं उन्हें सुधारने के बाद ही हस्तांतरित किया जाना चाहिए। कहा कि हस्तांतरित होने के बाद लोनिवि कैसे बिना धनराशि के इन सड़कों का रखरखाव करेगा। कोई भी इसे बताने को तैयार नही हैं। ऐसी स्थिति में इन सड़कों पर सुगम यातायात जारी रखने में दिक्खतें आ सकती हैं।