फोटो–जोशीमठ नृंिसह मंदिर पंहुचने पर जगदीशिला डोली का स्वागत करते स्थानीय लोग।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। जगदीशिला डोली ने नृसिंह मदिर पंहुचकर देवदर्शन किए।
बाबा विश्वनाथ-माॅ जगदीशिला डोली अपने 26दिवसीय उत्तरांखड देवयात्रा कार्यक्रम के तहत जोशीमठ पंहुची। यहाॅ भगवान नृंिसह के पौराणिक मंदिर के साथ माॅ नवदुर्गा सिंद्धपीठ मे देवदर्शन करने के उपरांत डोली ने गरूडगंगा के लिए प्रस्थान किया। नृसिंह मंदिर पंहुचने पर जगदीशिला डोली का भब्य स्वागत किया गया।
गौरतलब है कि जगदीशिला डोली यात्रा के संयोजक पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के संयोजकत्व मे विगत 20वर्षो से उत्तराख्ंाड देवयात्रा का आयोजन निरंतर किया जा रहा है। नृंिसह मंदिर पंहुचने पर स्थानीय देवभक्तो ने डोली का स्वागत किया। स्वागत करने वालो मे पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, विपिन्द्रा शाह, कमल रतूडी,माधव प्रसाद सेमवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष ऋषिप्रसाद सती, राजेन्द्र रतूडी,, लालमणी सेमवाल,आदि प्रमुख है।
यात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी के अनुसार वे विगत 20वर्षो से अनवरत टिहरी जनपद के पटटी ग्यारहगाॅव-हिंदाव के विशोन पर्वत से बाबा विश्वनाथ-माॅ जगदीशिला डोली रथयात्रा का कार्यक्रम कर रहे है। और यह रथयात्रा उत्तराख्ंाड के सभी 13जनपदो मे करीब दस हजार पाॅच सौ किमी0 की दूरी तय करती है।
पूर्व मंत्री नैथानी ने कहा कि विश्व शांति की कामना, हजार धाम चिन्हीकरण, पर्यावरण संरक्षण-सवंर्धन तथा बंजर भूमि को उपयोगी बनाने हेतु उद्यानीकरण व जडी-बूटी प्रोत्साह, संस्कृत भाषा का उन्नयन तथा पवित्र धामो से प्लांिस्टक एंव पाॅलीथीन पर पूर्ण प्रतिबंध हेतु जनजागरण अभियान भी इस यात्रा के मुख्य उदेश्यों मे शामिल है। कहा कि 26दिवसीय यात्रा का समापन 12जून को गंगा दशहरा के पवित्र अवसर पर विशोन पर्वत पर पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न होगा।