शंकर सिंह भाटिया
पहाड़ के अधिकांश फल और वनस्पतियां औषधीय गुणों से भरे पूरे हैं। इसीलिए हिमालय को औषधीय पौधों का घर माना जाता है। इसी में एक फल काफल है, जो औषधीय गुणों खजाना है। किसी एक फल में इतने औषधीय गुण नहीं मौजूद हैं, जितने काफल में हैं। फल के रूप में काफल तो औषधीय तत्वों से भरपूर है ही काफल पेड़ की छाल और काफल की पत्तियां भी औषधि हैं।
काफल विटाइमिन, मिनरल का से भरा-पूरा फल है। इसमें विटाइमिन सी, फास्फोरस, मैग्निशियम, आयरन, पोटेशियम, जिंक का खजाना भरा पड़ा है। यह एंटी आक्सडेंट से भरपूर है। काफल में एंटी इंफ्लमेटरी गुण मौजूद हैं। इतना ही नहीं काफल में बैड कलोस्टरोल कम करने की क्षमता है। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। इम्यून सिस्टम बेहतर बनाता है। इतना ही नहीं काफल यौन स्वास्थ्य को भी मजबूती देता है। इतना ही नहीं एक्जिमा, सोराइसिस और फोड़ा फुंसियों में काफल बेहतरीन दवा का काम करता है।
काफल के पेड़ की छाल दांत दर्द में दवा का काम करती है। काफल की छाल का एक टुकड़ा दांतों के बीच दबाकर धीरे-धीरे उसका रस लेने से दांत दर्द से राहत मिलती है। काफल की छाल चमड़ा इंडस्ट्रीज के लिए बहुत काम की चीज है। यह चमड़ा शोधन में बहुत ही उपयोगी अवयव की तरह काम करता है। काफल की पत्तियों में एंटी फंगल गुण होता है।
इसका कहीं कोई उदाहरण नहीं मिलता है कि किसी एक जंगली फल में इतने अधिक औषधीय तत्व मौजूद हों। इसीलिए काफल को कुछ जानकार संजीवनी तक कह देते हैं। हिमालयी क्षेत्र में एक हजार मीटर से अधिक उंचाई वाले क्षेत्रों में काफल पाए जाते हैं। इनका समुचित उपयोग अभी तक नहीं हो पाया है।