बागेश्वर , गरुड़ ( उत्तराखंड समाचार ) द्योनाई घाटी में हितैषी संस्था द्वारा आयोजित किर्षाण महोत्सव में अपना सहयोग कर देव सेना ने उत्तराखण्ड में पहली बार अपना पदार्पण किया । देवसेना ने महोत्सव में दिल्ली से अपनी पूरी टीम के साथ आकर न केवल पहाड़ की श्रमशील महिलाओं को पुरस्कार देकर अपनी भागीदारी निभाई बल्कि उन्होंने पहाड़ में दुर्लभ हींग के 2 पौधे भी मंच पर जिला किसान सङ्गठन के जिला सचिव अर्जुन राणा को सौपकर पहाड़ में एक नए प्रयोग की शानदार शुरुआत की ।
साथ ही देवसेना द्वारा ऐलोवेरा के पौधे बाटे व लोगो को हींग की खेती का प्रशिक्षण भी दिया। देव सेना ने पहली बार उत्तराखण्ड में लोगो को चीड़ के पत्तो से कोयला बनाना सिखाया एवम उसके महत्व को बताया की कैसे चीड़ के पत्तो को भी आजीविका का साधन बना सकते है व अगरबत्ती बनाने का भी प्रशिक्षण दिया साथ ही देव सेना ने सभी प्रतिभागी महिला शक्तियों को सम्मानित किया ।सभा को देवसेना के अध्यक्ष रविन्द्र देशवाल ने भी सम्बोधित किया।कार्यक्रम में ठाकुर सिंह राणा (संरक्षक) , रविन्द्र देशवाल (राष्ट्रीय अध्यक्ष) , सुन्दर रावत (महासचिव) , दीपेश रावत (कोषाध्यक्ष) , रवि रावत , शौर्य तिवारी , गौरव नेगी उपस्थित रहे।
अध्यक्ष रविंद्र ने बताया कि देवसेना एक सामाजिक संगठन है जिसका उधेश्य उत्तराखण्ड के अन्दर एक पहाड़ी शक्ति खड़ी करने का है जो अपने पहाड़ी समाज के अधिकारों के लिए हमेशा खड़ी रहे , देव सेना का मानना है की जब तक उत्तराखण्ड का मूल निवासी नही जागेगा तब तक उत्तराखण्ड आगे नही बड़ सकता । देव सेना को बने हुए अभी सिर्फ 4 महीने हुए है इतने कम समय में देव सैनिको की शंख्या 6513 हो गई है ओर जल्द ही सम्पूर्ण उत्ततराखं में सङ्गठन रोजगार परक कार्यक्रम करने जा रहा है।