रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पात्र व्यक्ति पिछले 9 महिनों की 18 हजार रूपये की धनराशि को पाने के लिए कृषि विभाग, पंजाब नेशनल बैंक अगस्त्यमुनि के चक्कर लगाते-लगाते थकने के बाद, अब जिलाधिकारी के कार्यालय में न्याय के लिए पहुँचा है। मगर सही समाधान की पैरवी अभी तक कोई नहीं कर रहा।

आपको बता दें कि जनपद रुद्रप्रयाग के तहसील बसुकेदार क्षेत्र के फलई गाँव निवासी मासंतू लाल का कहना है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का उनके खाते में पिछले 9 महीनों की किस्तों का 18 हजार धनराशि अभी तक नहीं मिली है।

जबकि मासंतू लाल ने संबंधित पंजाब नेशनल बैंक, अगस्त्यमुनि और क़ृषि विभाग रुद्रप्रयाग में कई बार लिखित पत्र देकर, चक्कर लगाये। साथ ही जांच कराने की गुहार लगाई। मगर केवल आश्वासन देकर ऐसी गंभीर लापरवाही को दरकिनार किया जा रहा है।
खाता धारक का बैंक, विभाग की गलती बता रहा है, तो विभाग बैंक की गलती। ऐसे में पात्र व्यक्ति का 18 हजार कौन दिलायेगा? यह बड़ा सवाल डिजिटल इंडिया के सपनों पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।
वहीं 82 साल का बुजुर्ग सीनियर सीटिजन कृषि विभाग व बैंक की लापरवाहियों की सजा क्यों भुगत रहा है? जबकि किसान सम्मान निधि के पात्र व्यक्ति मासंतु लाल का कहना है कि मेरे बैंक खाते के बजाय किसी अन्य के खाते में 9 महीनों की किस्तों की 18 हजार धनराशि चली गईं, जिसके लिए मुझे दर दर भटकना पड़ रहा है। बैंक द्वारा यह भी पता चल गया कि पैसा किस खाते में गया मगर मुझे अभी तक न्याय नहीं मिल पाया।
आखिर परेशान होकर 82 साल के बुजुर्ग मासंतू लाल जिलाधिकारी के आस अपनी पीड़ा लेकर पहुँचे ओर उन्हें न्याय दिलाने का प्रार्थना पत्र भी सौंपा। जिलाधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया कि कैसे ओर किसकी गलती से पात्र व्यक्ति का किसान सम्मान निधि दूसरे के खाते मे गया, इसकी जांच की जाएगी।
इस संबंध में हमने बैंक एवं क़ृषि विभाग के अधिकारियों से जब जानने की कोशिश की तो वे अपनी लापरवाही पर बात को टालते नजर आये। अब सवाल बनता है कि इतनी बड़ी चूक कैसे ओर क्यों हुई? और अब बैंक गलत खाते में गई धनराशि को वापस कब तक लाते हैं? जबकि पात्र व्यक्ति अपने हक के लिए आखिर मे न्यायालय जाने की बात कर रहे हैं।












