ज्योतिर्मठ, 19जून।
ज्योतिर्मठ नगर के डाडों गाँव मे आयोजित श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिवस का प्रारम्भ राजा परीक्षित और शुकदेव जी के संवाद पर केंद्रित रहा।
कथा व्यास आचार्य डॉ प्रदीप सेमवाल ने कथा प्रवचन करते हुए कहा कि राजा परीक्षित शुकदेव जी महाराज से जीवन के उद्देश्य और मृत्यु के बाद की गति के बारे मे प्रश्न करते हैं, राजा परीक्षित की जिज्ञासा को शांत करते हुए शुकदेव जी महाराज कहते हैं जीवन का मुख्य उद्देश्य भगवान की भक्ति करना है और मृत्यु के बाद आत्मा परमात्मा मे विलीन हो जाती है।
आचार्य सेमवाल ने कहा कि शुकदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित को श्रीमदभागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि इस कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य को ज्ञान, वैराग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कथा व्यास आचार्य सेमवाल ने तीसरे दिवस की कथा मे भक्त प्रहलाद, भगवान के अवतारों के साथ ही भागवत कथा के महत्व का विस्तार से वर्णन किया।
पित्रों के मोक्ष के निमित्त आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमदभागवत कथा के मुख्य यजमान अशोक एवं अमित सती के साथ ही पारिवारिक जन आगँतुक श्रोताओं का स्वागत सत्कार कर रहे है, भागवत कथा के प्रसंगो के बीच भजनों की मधुर धुन कथा समागम को भक्तिमय बना रही है।
शुक्रवार को चतुर्थ दिवस की कथा भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के प्रसंगो पर आधारित होगी, कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या मे श्रोता भक्तगण कथा समागम स्थल तक पहुँच रहे है।