रिपोर्ट – सत्यपाल नेगी /रुद्रप्रयाग
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान हो गई है, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में अपने द्वितीय रात्रि प्रवास के बाद आज सुबह 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान श्री केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ने प्रस्थान किया और करीब बारह बजे डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंची।
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओकारेश्वर मंदिर आगमन पर सैकड़ों भक्तों ने डोली का पुष्प-अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया।अब शीतकाल के अगले छः माह यहीं पर भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना की जाएगी।
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आपको 27 अक्टूबर,2022 को भैयादूज के पर्व पर भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे और पंचमुखी उत्सव डोली यात्रा ने पहला रात्रि प्रवास रामपुर में किया था। इसके बाद द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए डोली गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंची।आज सुबह डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर ओकारेश्वर मंदिर पहुंची। इस दौरान जगह-जगह डोली का भक्तों ने पुष्प अक्षत्रों से स्वागत किया।
डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने पर राॅवल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी टी. गंगाधर लिंग का 6 माह केदारनाथ में विधि-विधान से पूजा करने पर आशीर्वाद दिया।भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल आंेकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ आगमन पर स्थानीय जनता ने केदार महोत्सव का आयोजन भी किया।
केदारनाथ राॅवल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंच गई है।अब शीतकालीन 6माह तक यहाँ पर पूजा अर्चना होती रहेगी.
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