रुद्रप्रयाग। ग्राम औरिंग, जनपद रूद्रप्रयाग निवासी 89 वर्षीय काश्तकार अजीतसिंह कण्डारी व उनके पुत्र ठाकुर सिंह दिब्याँग अपने खेतों के लगभग 200 माल्टा के पेड़ 01 फरबरी से काटना शुरू करेंगे।
सन् 1960 के दशक से नगदी फसल बोने व उद्यान को बढ़ावा देकर बिना चकबन्दी के माल्टा, मौसमी, नीबू प्रजाति के अन्य पेड़ अपने हिस्से के लगभग 01 हैक्टेयर बिखरी जोत पर असिंचित भूमि में लगा रखे है। इसके अलावा स्ट्राबेरी, मूँगफली, सूरजमुखी चायपत्ती, सोयाबीन, मटर व अन्य दालों व विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन करते है। कुछ वर्षों पूर्व 200पेड़ उद्यान विभाग अगस्तमुनि से लेकर लगाये थे। तैयार फलों को ए ग्रेड किलों में, बी ग्रेड सैकड़ा के हिसाब से लगभग 50 हजार रू0 का प्रति वर्ष स्थानीय बाजार व रूद्रप्रयाग में इनके पुत्र समाजसेवी व गढ़वाल वेलफेयर समिति के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह कण्डारी द्वारा बेचा जाता है एजो कि वर्तमान में किशोर न्याय बोर्ड रूद्रप्रयाग व चमोली के मा0 सदस्य है।
लेकिन इस वर्ष एक दाना भी नहीं बिक रहा है। दुकानों में किन्नू, सन्तरा भरा पड़ा है। उद्यान विभाग पेड़ तो बाँटता है, परन्तु फसल की खरीद नहीं करता है, जिससे लोग या तो लूट के भाव नीलाम करते है या फिर पक्षियां, बन्दर आदि खा जाते है या पेड़ों पर ही सड़ जाते हैं। जिससे किसानों को कमाई तो फसल से कोई लाभ नहीं होता। जबकि माल्टा ही एकमात्र फल है, जिसका अच्छा उत्पादन हो रहा है और गरीब आदमी के लिए आजीविका का साधन बन सकता है।