देहरादून। मौसम विभाग ने आशंका जताई थी कि इस बार मानसून विलंब से पहली जून तक आ सकता है, लेकिन मौसम विभाग की यह आशंका निर्मूल साबित हुई है। उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने अब इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। सोमवार से उत्तराखंड में मानसून सक्रिय हो गया है। प्रदेश में मानसून आगमन की निर्धारित तिथि 23 अथवा 24 जून है। सोमवार को मानसून के आगमन के साथ कुमाऊं के पंतनगर में 16 घंटे में सर्वाधिक 147.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, मुक्तेश्वर में यह आंकड़ा 40.4 रहा। मौसम विभाग ने ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और चम्पावत जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं देहरादून, टिहरी, चमोली, रुदप्रयाग और पिथौरागढ़ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार कुमाऊं में मानसून पहुंच गया है और अगले 48 घंटे में यह पूरे उत्तराखंड को आच्छादित कर लेगा। इस बीच कुमाऊं के ज्यादातर इलाकों में रविवार रात से ही रुक.रुक कर बारिश हो रही है। तेज बारिश के बीच पिथौरागढ़ में रामगंगा, बागेश्वर में सरयू एवं गोमती नदी का जलस्तर बढ़ गया है। कुमाऊं के तराई में स्थानीय कल्याणी नदी उफान में होने के कारण तट पर झोपड़ियां बनाकर रह रहे 18 लोग फंस गए। पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर रस्सियों के सहारे फंसे लोगों को बाहर निकाला। दूसरी ओर सोमवार को गढ़वाल मंडल के पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी में रुक.रुक कर बारिश होती रही। मसूरी में दोपहर बाद झमाझम बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया है। दून में दिनभर बादल छाये रहे। इस दौरान अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमशः 33.8 व न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 24.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
14 साल में सिर्फ चार बार विलंब से पहुंचा मानसून
उत्तराखंड में बीते 14 वर्ष में सिर्फ चार मौके ऐसे आए जब मानसून एक सप्ताह विलंब से पहुंचा यानी यहां जुलाई में मानसून सक्रिय हो पाया। वर्ष 2010, 2012, 2014 और 2017 को छोड़कर मानसून वक्त पर पहुंचा है।