अल्मोड़ा। कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ हंदवाड़ा में चले अभियान में शहीद हुए पांच सैनिकों में अल्मोड़ा जिले के दिनेश सिंह भी थे। अल्मोड़ा के ध्याड़ी क्षेत्र के मिरगांव निवासी दिनेश सिंह ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
पहाड़ के लिए लगातार दो दिन में तीन स्तब्ध करने वाली सूचना आई है। शनिवार को पिथौरागढ़ जिले में दो जांबाज शहीद हुए थे। रविवार को यह सूचना आई है। अब अल्मोड़ा के दिनेश सिंह के शहीद होने की सूचना आई है। शहीद दिनेश सिंह दो बहनों के बीच एकलौता भाई था। उनका विवाह नहीं हुआ था। 25 वर्ष की उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले दिनेश की शहादत से पूरा क्षेत्र गमगीन है। गांव के लोगों ने बताया कि मिलनसार और मृदु व्यवहार वाले दिनेश जनवरी में घर आए थे। दोनो बहिनों की शादी हो चुकी है, जिसमे एक बहिन की मौत तक हो गयी है। दिनेश के पिता गोधन सिंह गैड़ा भी भारतीय सेना में सेवा देकर अब सेवानिवृत्त हो गए हैं।
दिनेश वर्ष 2015 में 21 राष्ट्रीय राइफल्स में भर्ती हुए थे। शहीद के पिता का कहना है कि उनका बेटा विगत वर्ष दिसम्बर माह में छुट्टी पर घर आया था। जिसके बाद वह आगामी जून में घर आने वाला था। उनके अनुसार उनकी अभी 2 दिन पूर्व अपने बेटे से फोन से बातचीत हुई थी। जिसमे उसने अपने को सकुशल बताते हुए कहा कि जल्द छुट्टी मिलने पर वह घर आयेंगें। इधरए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी अपने क्षेत्र के युवक दिनेश की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि देश सेवा के इस शौर्य को अल्मोड़ा और प्रदेश और देश की जनता हमेशा याद रखेगी, दिनेश हमारे लिए प्रेरणा का मार्ग प्रसस्त करेंगे।
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने अल्मोड़ा निवासी भारतीय सेना के वीर लांसनायक दिनेश सिंह सहित अन्य सैन्य अधिकारियों तथा जवानों की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया हैद्य उन्होंने कहा की इन वीर सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान किया है। कृतज्ञ राष्ट्र सदैव इस बलिदान को याद रखेगा। उन्होंने शहीदों की आत्मा की शांति तथा परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की है।