डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
देश में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रुप में मनाया जाता है। भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम का जन्म 11 नवम्बर 1888 में हुआ था। मौलाना आजाद की स्मृत्ति में प्रत्येक वर्ष 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने एवं प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने हेतु इस दिन अभियान एवं विभिन्न कार्यक्रम चलाये जाते हैं जिससे लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक और आकर्षित कर सकें।आज देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का 131वां जन्मदिन है। वह भारत के पहले शिक्षा मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद्, लेखक थे। उन्हीं के जन्मदिन पर हर साल 11 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदान के लिए उनके जन्मदिन पर साल 2015 में नेशनल एजुकेशन डे मनाने का फैसला किया था। मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था। आजाद उर्दू में कविताएं भी लिखते थे। आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री भारत की आजादी के बाद मौलाना अबुल कलाम भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना की थी। मौलाना आजाद 35 साल की उम्र में इंडियन नेशनल कांग्रेस के सबसे नौजवान अध्यक्ष बने थे। भारत रत्न लेने से किया था मना मौलाना अबुल कलाम आजाद ने भारत रत्न से 1992 में मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। उन्होंने हमेशा सादगी का जीवन पसंद किया था। आपको जानकर हैरानी होगी जब उनका निधन हुआ था, उस दौरान भी उनके पास कोई संपत्ति नहीं थी और न ही कोई बैंक खाता था।
उनकी निजी अलमारी में कुछ सूती अचकन, एक दर्जन खादी के कुर्ते पायजामें, दो जोड़ी सैंडल, एक पुराना ड्रैसिंग गाऊन और एक उपयोग किया हुआ ब्रुश मिला। किंतु वहां अनेक दुर्लभ पुस्तकें थी जो अब राष्ट्र की सम्पत्ति हैं। उन्होंने निःशुल्क शिक्षा, उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना में अत्यधिक के साथ कार्य किया। मौलाना आजाद को ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना की थी। इसी के साथ उन्होंने शिक्षा और संस्कृति को विकसित करने के लिए उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की थी। उन्होंने संगीत नाटक अकादमी 1953 साहित्य अकादमी 1954 और ललित कला अकादमी 1954 की स्थापना की थी। उन्होंने निःशुल्क शिक्षा, उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना में अत्यधिक के साथ कार्य किया। मौलाना आजाद को ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना की थी। इसी के साथ उन्होंने शिक्षा और संस्कृति को विकसित करने के लिए उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की थी। उन्होंने संगीत नाटक अकादमी साहित्य अकादमी 1954 और ललित कला अकादमी 1954 की स्थापना की थी।
साथ ही उन्होंने शैक्षणिक लाभों के लिए अंग्रेजी की भी वकालत की हालांकि उनका मानना था कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए। मौलाना अबुल कलाम आजाद महात्मा गांधी से प्रभावित होकर भारत के स्वतंत्रा संग्राम में बढ़चर कर हिस्सा लिया और भारत के बंटवारे का घोर विरोध किया। वह हिन्दू.मुस्लिम एकता के सबसे बड़े पैरोकार थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने 1912 में उर्दू में सप्ताकि पत्रिका अल.हिलाल निकालनी शुरू की जिससे युवाओं को क्रांति के लिए जोड़ा जा सके। क्योंकि यह एक जीवित प्रणेता की सत्यकथा है। भारतीयों के दिलों में उच्च शिक्षा संस्थानों स्थापना हमेशा सादगी का जीवन के रुप में हमेशा जावित रहेंगे! के नाम से लोकप्रिय की जयंती हैण् राष्ट्रीय शिक्षा नीति की स्थापना रुप में जाना जाता रहेंगे।