अल्मोड़ा। तमाम जागरूकता अभियान के बाद भी पहाड़ों में नाबालिगों से शादी करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार को एक नाबालिग की शादी पुलिस एवं चाइल्ड हैल्प लाईन की तत्परता से रुक गई। इधर, पुलिस ने नाबालिग दुल्हन एवं दूल्हा पक्ष के लोगों को महिला थाने में बुलाकर उनकी काउंसलिंग शुरू कर दी है। देश के अन्य क्षेत्रों से पहाड़ आकर शादी रचाने के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं, ऐसे मामलों में लेनदेन जरूर होता है और लड़की पक्ष वाले गरीब होते हैं। एक तरह से यह खरीद-फरोख्त का मामला बनता है, जिसे मानव तस्करी के तौर पर भी देखा जा सकता है। इस तरह खरीद कर ले जाई गई महिला को पत्नी नहीं बल्कि जिंदगी भर खरीदे गए दास की तरह रखा जाता है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को चितईं गोलू मंदिर में विवाह करने मुरादाबाद से आए दूल्हा पक्ष बारात लिए पूरी तैयारी के साथ पहॅुचे थे। लेकिन, दुल्हन नाबालिग होने की सूचना मिलने पर पुलिस महिला टीम एवं चाइल्ड हैल्प लाईन की टीम मौके पर मंदिर पहॅुचीं। जिससे पुलिस ने शादी शुरू होने से पूर्व ही विवाह रोक दिया। पुलिस महिला थानाध्यक्ष श्वेता नेगी और पुनिता बलोदी ने इसके बाद दोनों पक्षों से पूछताछ कर उनकी काउंसलिंग कीं। काउंसलिंग में दुल्हन के स्कूली प्रमाणपत्रों में मात्र तेरह साल उम्र निकली। वहीं, चाइल्ड हैल्प लाईन ने बताया कि नाबालिग दुल्हन की पारिवारिक स्थिति काफी दयनीय है। जिस कारण उसके परिजन उसकी छोटी उम्र में शादी करने के लिए राजी हुए। इधर, नाबालिग से शादी करने आए मुरादाबाद के दूल्हा बीर सिंह ने कहा कि दुल्हन नाबालिग है इसका पता उन्हें यहीं आकर चला है। इसलिए उन्होंने शादी नहीं कीं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने कहा कि पुलिस दोनों पक्षों की काउंसलिंग करा रहीं है और विवाह शुरू होने से पूर्व ही शादी को रोक दी थी। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।