हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली। बधाण की राजराजेश्वरी नंदा भगवती की उत्सव डोली छः माह सिद्धपीठ देवराड़ा प्रवास के बाद सिद्धपीठ कुरूड़ घाट के लिए रवाना हो गई हैं। उत्सव डोली 10 पड़ावों को पार करते हुए 11 जनवरी को सिद्धपीठ कुरूड़ के मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएगी। गुरुवार को यात्रा अपने दूसरे पड़ाव चौन्डा गांव पहुंचेगी।
31 दिसंबर को प्रातः काल से ही सिद्धपीठ देवराड़ा में पूजा अर्चना शुरू हो गई। इसके बाद भंडारे के साथ पूरी रात नंदादेवी का जागरण किया गया।इस दौरान भजन कीर्तन के साथ ही झोड़े,चाचणी लगाईं गई। बुधवार को प्रातः काल से ही देवी की पूजा अर्चना शुरू कर दी गई। निकाले गये मुहूर्त के अनुसार प्रातः 10.30 बजें देवी का उत्सव डोला गाजे-बाजे, शंख घंटियों की घनघनाहट एवं मंत्रोच्चार के साथ गर्भगृह से बहार निकाला गया। जैसे ही डोली को बहार निकाला गया तो कई महिलाओं एवं पुरुषों पर नंदा देवी एवं अन्य देवी, देवता अवतारित हुए जिन्होंने नाचते हुए श्रद्वालुओं को आशीर्वाद दिया। इसके बाद 11 बजें दोपहर को उत्सव डोली अपने पहले पड़ाव भेटा जाने के तहत पहले सिनाई पहुंची जहां पर यात्रा का भव्य रूप से स्वागत किया। यहां पर भी नंदादेवी सहित अन्य देवी देवताओं के पश्वा अवतारित हुए, जिन्होंने नाचते हुए श्रद्वालुओं को आशीर्वाद दिया। इसके बाद यात्रा अपने पहले पड़ाव भेटा पहुंच गई।
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सिद्धपीठ देवराड़ा से नंदा देवी भागवत की डोली की विदाई के दौरान देवराड़ा मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवन हटवाल,कुरूड मंदिर समिति के अध्यक्ष नरेश गौड़,श्री नंदादेवी राजजात समिति के महासचिव भुवन नौटियाल, थराली के पूर्व प्रमुख सुशील रावत, थोकदार पृथ्वी सिंह रावत, विनोद सिंह रावत,लाल सिंह गुसाईं,गौरा देवी, महेशी देवी, शौर्य प्रताप सिंह रावत, त्रिलोक सिंह रावत, विरेंद्र सिंह गुरु, विरेंद्र रावत सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।इस दौरान देवी के पूजारी बची राम गौड़, योगेश गौड़, अनसूया प्रसाद गौड़ आदि ने श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना सम्पन्न करवाईं।