रिपोर्ट: हरेंद्र बिष्ट
थराली। श्री नंदा राजराजेश्वरी नंदादेवी राजजात के मुख्य पड़ाव गैरोली पातल, वेदनी बुग्याल के बीच ऐतिहासिक स्थल डोलीयांधार में 21 फिट ऊंचा एवं एक कुंतल वजनी त्रिशूल का वैदिक विधि-विधान से स्थापित किया गया।वांण गांव के उमराव सिंह बिष्ट ने अपनी पिता की स्मृति में डोलियाधार जो कि राजजात यात्रा के आवादीय क्षेत्र के अंतिम गांव वांण से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, में 21फूट ऊंचे एवं एक कुंतल वजनी शिव के नाम से निर्मित डमरू लगे त्रिशूल को वांण गांव के ग्रामीणों के सहयोग से ले जा कर स्थापित किया।त्रिशूल की स्थापना नंदा भगवती एवं लाटू देवता के मुख्य पंडितों में सम्लित पंडित उमेश चन्द्र मिश्रा के द्वारा मंत्रों उच्चारण एवं वांण के कुंवर सिंह बिष्ट, नरेंद्र सिंह बिष्ट,जवहार सिंह,पान सिंह, रणजीत सिंह,देवकी देवी,गणेशी देवी,कमला देवी, गुड्डी देवी आदि के द्वारा झोडो के गायन बीच किया गया।