रिपोर्ट:प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के छठे दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने विश्वविद्यालय के 21 मेधावी छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की।हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की छात्रा हर्षिता चौहान को ‘स्वामी राम बेस्ट ग्रेजुएट अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिली। समारोह के आकर्षण का केंद्र छात्र-छात्राओं की वेशभूषा रही। सभी छात्र-छात्राएं भारतीय संस्कृति के पहनावे में नजर आए।मंगलवार को एसआरएचयू के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से देश और समाज की सेवा के भाव से कार्य करने का आह्वान किया। कहा कि एसआरएचयू देश व विदेश में प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में विख्यात है। उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थी भारत जैसे विविधतापूर्ण एवं गतिशील देश की विरासत को और अधिक समृद्ध बनाने में अपना योगदान देंगेइस दौरान विधायक बृजभूषण गैरोला, उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली, कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल, डॉ.विजेंद्र चौहान, डॉ सुशीला शर्मा, डॉ प्रकाश केशवया, डॉ रेनू धस्माना, डॉ सुनील सैनी, डॉ अशोक देवराड़ी, डॉ सीएस नौटियाल आदि मौजूद रहे।
कुल 644 छात्रों को प्रदान की डिग्री
हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एचआईएमएस) : एमबीबीएस-12, एमडी/ एमएस-94, पोस्ट-डॉक्टोरल फैलोशिप-04, पैरामेडिकल- 151, कम्यूनिटी मेडिसिन- 17, एमएचए- 06 = कुल 284,हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन)- 149,हिमालयन स्कूल ऑफ बायो साइंसेज (एचएसबीएस)-47,हिमालयन स्कूल ऑफ योगा साइंसेज (एचएसवाईएस)- 45,हिमालयन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एचएसएमएस)- 79,हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एचएसएसटी)- 34,डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी)- 06
’शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्जवलन के साथ शुभारंभ’
इससे पहले राज्यपाल ने ले.जनरल गुरमीत सिंह विश्वविद्यालय कैंपस में शौर्य दीवार पर परमवीर चक्र से सम्मानित वीर सैनिकों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद दीक्षांत समारोह का शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
“भौतिक लक्ष्य के साथ ही वेद, वेदांत, आध्यात्म के द्वारा जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। स्वामी राम का मिशन “पहाड़ की सेवा” था जिसे साकार करने में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। कहा की शिक्षा केवल डिग्री ले लेना ही नहीं है, बल्कि यह आत्म ज्ञान की प्राप्ति, सशक्तिकरण एवं परिवर्तन का माध्यम भी है।” –: डॉ विजय धस्माना, कुलाधिपति (एसआरएचयू)