रिपोर्ट:सत्यपाल नेगी
रुद्रप्रयाग। श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम में इस वर्ष अभी तक 51,696 वीआईपी और वीवीआईपी महानुभावो ने दर्शन किए हैं।इससे श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को रूपये(एक करोड़,पच्चपन लाख, आठ हजार, साठ सौ)1,55,08,800 की आय प्राप्त हुई है।बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अनुसार इस वर्ष 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात अब तक 15,612 विशिष्ट व अतिविशिष्ट और उनके संदर्भों से आए महानुभावों ने दर्शनों का लाभ उठाया है।इससे बीकेटीसी को रूपये 46,83,600 का लाभ हुआ।इसी प्रकार 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात वहां अभी तक 36,084 हजार विशिष्ट व अतिविशिष्ट महानुभाव दर्शनों के लिए पहुंचे।इनसे बीकेटीसी को रूपये 1,08,25,200 प्राप्त हुए।आपको बताते चलें कि यात्राकाल में दोनों धामों में प्रोटोकॉल के तहत वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।बीकेटीसी वीआईपी श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कराती थी और निःशुल्क प्रसाद भी देती थी।इन श्रद्धालुओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था।वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं के नाम पर अनेक अव्यवस्थाएं भी पैदा होती थीं।आपको यह भी बता दें कि श्री बद्री-केदार मन्दिर समिति के अध्यक्ष का पद संभालने के बाद से ही अजेंद्र अजय की दूरगामी सोच एवं ईमानदार पहल,कुशल नेतृत्व के चलते श्री बद्रीनाथ व श्री केदारनाथ धामों की अस्त व्यस्त व्यवस्थाओं को सुधारने एवं मंदिरों के जीर्णोधार जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यों पर विशेष फोकस किया गया है।वहीं इस वर्ष यात्राकाल से पूर्व बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने देश के चार बड़े मंदिरों श्री वैष्णोदेवी,श्री तिरूपति बाला जी,श्री सोमनाथ व श्री महाकाल मंदिर में विभिन्न व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए अलग-अलग दल भेजे थे।इन दलों ने वहां की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर मंदिरों में आने वाले विशिष्ट व अति विशिष्ट महानुभावों से दर्शनों के लिए शुल्क निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा था। बीकेटीसी ने अध्ययन दलों के सुझाव पर प्रति व्यक्ति 300 रूपये निर्धारित किया था।बीकेटीसी द्वारा नयी व्यवस्था कायम किए जाने के बाद वीआईपी व वीवीआईपी के नाम पर अनावश्यक रूप से दर्शनों के लिए घुसने वालों पर भी रोक लगी है।बीकेटीसी ने इस नई व्यवस्था की शुरुवात इस वर्ष केदारनाथ धाम से शुरू की थी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बीकेटीसी ने पहली पर्ची मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की काटी थी।मुख्यमंत्री ने 300 रूपये का शुल्क चुका कर दर्शन किये थे।