रिपोर्ट:सत्यपाल नेगी
रुद्रप्रयाग। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) का कहा है श्री बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में कोई नयी दरार नहीं देखी गयी है और नहीं बदरीनाथ मंदिर क्षेत्र में भू-धंसाव हो रहा है।बीकेटीसी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग(एएसआई) द्वारा बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में पहले से आयी हल्की दरारों का मरम्मत कार्य चल रहा है।वर्तमान में कोई भी नयी दरार नहीं दिखी है।
उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने वर्ष 2022 में शासन को पत्र लिखकर बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार पर आयी हल्की दरारों के विषय में अवगत कराया था,तत्पश्चात शासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग(एएसआई)को इस इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा,इस क्रम में जुलाई 2022 में एएसआई ने मरम्मत की कार्य योजना तैयार की थी।अक्टूबर 2022 को एएसआई ने सिंह द्वार की दरारों पर ग्लास टायल्स(शीशे की स्केलनुमा पत्तियां)फिक्स कर दी थीं,जिससे यह पता लग सके की दरारें कितनी चौड़ी हुई हैं।09 अगस्त,2023 को ग्लास टायल्स के अध्ययन के बाद एएसआई ने ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया था।तब दरारों में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया।बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सिंह द्वार के ट्रीटमेंट कार्य के अंतर्गत पहले चरण में सिंह द्वार के दायीं ओर ट्रीटमेंट कार्य किया जा चुका है।अब बायीं ओर की दरारों पर ट्रीटमेंट प्रस्तावित है।इस तरह स्पष्ट है कि सिंह द्वार पर दरारें बहुत पहले से हैं,जिसका ट्रीटमेंट कार्य किया जा रहा है।