रिपोर्ट:सत्यपाल नेगी
रुद्रप्रयाग। पहाड़ों की महिलाओं के कठिन दिनचर्या,मेहनत और लगन को देखते हुए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं उनकी घर में ही आर्थिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।जनपद में भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान रुद्रप्रयाग के सहयोग से विकास खण्ड ऊखीमठ के ग्रामसभा पठाली में आरसेटी द्वारा ग्रामीण महिलाओं को दस दिवसीय होममेड अगरबत्ती बनानें का प्रशिक्षण दिया गया।जिसका शुक्रवार को विधिवत समापन हो गया है।आपको बता दें कि दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत 4 अक्टूबर से हुई थी इस दौरान ग्रामीण महिलाओं को हर्बल अगरबत्ती,धूप एवं देशी बद्री गाय के गोबर धूप,दीपक,हवन टिक्की,सम्भ्रानी कप,गणेश भगवान की मूर्तियां तैयार करना सिखाया गया।प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर पवित्रा ने महिलाओं को घर में अगरबत्ती धुप तैयार करने की विधि बतायी साथ ही गाय के गोबर से दीपक,गणेश भगवान की मूर्ति हवन टिक्की हवन स्टीक,सम्भ्रानी कप आदि का प्रैक्टीकल करवा कर प्रोडेक्ट तैयार करना सिखया गया।आरसेटी के प्रशिक्षक वीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल ने माइक्रो लैब,उद्यमिता विकास,मूल्य संवर्धन मार्केट सर्वे बाजार प्रबन्धन कार्ययोजना तैयार करना एवं सरकारी क्षेत्र में चलने वाली स्वरोजगार परक योजनाओं की भी जानकारी दी।प्रशिक्षण में भारतीय स्टेट बैंक आरसेटी रुद्रप्रयाग के निदेशक किसन रावत द्वारा महिलाओं को बैंकिग,बीमा स्थानीय स्वरोजगार की जानकारी दी साथ ही उन्होने बताया कि एन0आर0एल0एम0 महिला समूहों को इस प्रकार के प्रशिक्षण निश्चित ही बहुत फायदा मिलेगा तथा महिलाओं की आय में वृद्धि होगी क्योंकि उनके पास इसके लिए पर्याप्त मार्केट है तथा कच्चे माल जैसी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा उन्होनें कहा कि अधिकांश गांव में लगभग सभी परिवरों के पास खुद की देशी बदरी गाय हैं साथ ही क्षेत्र में लोकल,पंया,कुण्जा,सुमाया,गेदा,गुलाब,तुलसी आदि फूल पत्तीयां धुप में प्रयोग कर अच्छी आमदनी अर्जित कर सकती हैं।कहा कि उन्हें रोजगार से जोड़ने का हरसम्भव प्रयास किया जायेगा।उन्होने कहा कि धूप अगरबत्ती दीपक,हवन सामग्री घरों में रोज प्रयोग होती है।साथ ही जनपद में केदारनाथ धाम,सहित,मद्धमहेश्वर,तुंगनाथ,कालीमठ,कोटेश्वर,कार्तिक स्वामी आदि कई धार्मिक पर्यटक स्थल है जहां लाखों की संख्या में यात्री आतें हैं।यात्रा का मुख्य पड़ाव होने से यहां व्यवसाय की अपार सम्भावनायें बढ़ जाती हैं,धूप अगरबत्ती जैसे उत्पाद तैयार कर मार्केट करने से महिलाओं की आय में अवश्य वृद्धि होगी।साथ ही स्वरोगार को बढ़वा मिलेगा।
वहीं प्रक्षिक्षण के दौरान अग्रणी बैंक प्रबन्धक चतर सिंह द्वारा महिलाओं को वित्तीय साक्षरता की जानकारी दी,प्रशिक्षण के बाद महिलाओं में खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रशिक्षण के दौरान सभी को कोटमा में महिला समूहों द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाइन केदारनाथ प्रसाद,बुनाई कताई कपडा यूनिट,डेयरी यूनिट का भ्रमण कराया गया।समापन के अवसर मूल्यांकन टीम द्वारा प्रशिक्षणार्थियों का मूल्यांकन किया गया जिसमें सभी प्रशिक्षणार्थी सफल रहेसाथ ही संस्थान के निदेशक ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित कर भविष्य में सफल उद्यमी बनने के लिए शुभकामनाएं दी तथा प्रशिक्षण समाप्ति की घोषणा की।
इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर पवित्रा,आरसेटी के प्रशिक्षक वीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल,एनआरएलएम ऊखीमठ ब्लॉक मिशन प्रबन्धक मनोज कोठारी,आरसेटी के संदीप पाण्डेय,क्षेत्रीय समन्वयक सतीश सतकारी सहित प्रशिक्षण ले रही संगठन की अध्यक्ष बबीता त्रिवेदी,महिला मंगल दल अध्यक्ष मीना देवी,सहित हेमा देवी,गुडडी,संध्या देवी,सोनम,हीना,शिवानी,प्रभा,प्रियंका,प्रर्मिला,कल्पना,सुमन देवी आदि उपस्थित रहे।