डोईवाला, (प्रियांशु सक्सेना)। कथावाचक आदित्यानंद महाराज ने कहा कि सेवा सुमिरन और समर्पण का भाव ही मोक्ष दिलाता है। भगवान श्री राम का जीवन प्रेरणा पूंज की तरह है जो सभी को मर्यादाओं का ज्ञान कराता है।
भानियावाला में श्री राम कथा का श्रवण कराते हुए आचार्य मर्मज्ञ ने कहा कि शबरी जैसा धैर्य ही भक्तों को बैकुंठ लेकर जाता है, जिसमें प्रतिदिन अपने आराध्य का स्मरण भगवान को भक्त के पास आने के लिए विवश कर देता है।
उन्होंने कहा कि भक्ति का भाव पवन पुत्र हनुमान की तरह होना चाहिए जो सब कुछ संभव करने के बाद भी दास बने रहते हैं उन्होंने कहा कि मैं का भाव ईश्वर से दूर लेकर जाता है। भजन गायक प्रवेश, भरत की सुंदर प्रस्तुतियों पर लोग झूमते हुए नजर आए। 22 जनवरी को पूर्ण आहुति के साथ राम कथा का समापन होगा।
इस आयोजन में शिवानंद गिरि जी महाराज, राजवीर खत्री, दीपक पाल, मीनू शुक्ला, अमन प्रजापति, अंजनी, आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कथा श्रवण के दौरान रीता, पूजा, नीलम गोयल, संगीता अग्रवाल, महेंद्र भारत ,अश्विनी गुप्ता आदि आदि सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित थे।