हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
कर्णप्रयाग -ग्वालदम -अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन प्रभावित सोनल जहां बीआरओ के लिए सरदर्द बन कर रह गया हैं। वही इस स्थान के ठीक ऊपर पहाड़ी पर बसें सीम गांव के परिवारों के ऊपर खतरें के बादल मंडराने लगे हैं। कर्णप्रयाग-ग्वालदम-आल्मोडा पर थराली से कर्णप्रयाग की ओर 2 किमी आगे सोनला नाम स्थान पर पिछले 5-6 सालों से लगातार भूस्खलन होता आ रहा है।जिस कारण बरसात में लगातार मार्ग बंद होता आ रहा है।इस वर्ष इस भूस्खलन का दायरा बढ़ गया हैं।जिस कारण मार्ग को यातायात के लिए खुले रखने के लिए बीआरओ को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ रही हैं। यहां पर मार्ग खोलने के लिए दो -दो जेसीबी मशीनों को लगाया जा रहा है तब जाकर मार्ग को कुछ घंटों के लिए खोला जा रहा है।जहां एक ओर मार्ग इस स्थान पर बीआरओ के लिए सरदर्द बना हुआ हैं। वही ठीक इस स्लाइड जोन के ऊपर बसें सीम गांव के ऊपर भी खतरें के बाद मंडराने लगे हैं। भूस्खलन प्रभावित सोनल का ट्रिटमेंट करने के लिए सरकार के द्वारा धनराशि की स्वीकृति मिल चुकी है। किंतु अभी बरसात होने के कारण ट्रिटमेंट का कार्य शुरू नही कर पा रहे हैं। जैसे ही बरसात खत्म हो जाएगी इस स्थान पर ट्रिटमेंट का कार्य शुरू कर स्थाई समाधान किया जाएगा। इस भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के ऊपर भाग से गदेरे का पानी इस स्थान पर आ रहा है जिससे भूस्खलन का दायरा बढ़ता जा रहा है।सोनला स्लाइड जोन के ऊपर बसें सीम गांव लगातार धंसता जा रहा है। जितना डीजीबीआर के द्वारा सड़क को खोलने के लिए मलवा हटाया जा रहा है, उतना ही सीम गांव बैठता जा रहा है।सीम गांव के 15 परिवारों के ऊपर खतरें के बादल मंडरा रहे हैं।उनको सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन को इन परिवारों का विस्थापन के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।