कमल बिष्ट/उत्तराखंड समाचार।
कोटद्वार। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार गढ़वाल के राजनीतिक विज्ञान विभाग परिषद के तत्वाधान में 12 फरवरी 2024 को प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार के निर्देशन में “भारतीय किसानों की दशा और दिशा” पर विचार गोष्ठी एवं ” एक देश एक चुनाव के समक्ष चुनौतियां और निवारण ” नमक बिंदु पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी में वैशाली रावत एम.ए. फोर्थ सेमेस्टर प्रथम स्थान, शीतल बी.ए. द्वितीय सेमेस्टर द्वितीय स्थान, मोनिका मनी बीए द्वितीय सेमेस्टर और अमन बीए द्वितीय सेमेस्टर तृतीय स्थान पर रहे तथा रितु नेगी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। वहीं निबंध प्रतियोगिता में वैशाली रावत प्रथम स्थान, मोनिका मनी बी.ए. द्वितीय सेमेस्टर द्वितीय स्थान, तथा ज्योति बी.ए. द्वितीय सेमेस्टर तृतीय स्थान प्राप्त किया। विचार गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि जंतु विज्ञान विभाग प्रभारी प्रोफेसर डॉक्टर आदेश कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि कृषि प्रौद्योगिकी के नवीनतम विकास, नवीनतम तकनीकों के द्वारा किसानों की दशा और दिशा में बदलाव लाया जा सकता है,आगे कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य एसपी मिलना चाहिए ताकि किसानों को अपनी कृषि उपज का लाभ मिल सके।गोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉक्टर संजीव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि देश की बढ़ती हुई जनसंख्या कृषि भूमि को कम कर रही है और किसानों को कृषि की लागत का मूल्य नहीं मिल पा रहा है। राजनीति विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉक्टर अजीत सिंह ने विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री किसान नेता चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा कि देश की तरक्की का रास्ता खेत और खलिहानों से होकर गुजरता है। किसानों की दशा सुधारने पर बल देते हुए तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि कृषक ऋण में ही जन्म लेता है, ऋण में ही जीता है और ऋण में ही मर जाता है। विचार गोष्ठी का संचालन करते हुए डॉक्टर संत कुमार ने कहा कि रोटी भगवान है और रोटी को पैदा करने वाला भगवान से भी बढ़कर किसान है किंतु सत्ता की राजनीति ने किसानों को हासिये पर ला दिया। कोई बाढ़ से पीडित है, तो कोई सूखे की मार झेल रहा है, और कोई कर्ज के कारण आत्महत्या करने को विवश है। कितु वर्तमान में भारत सरकार के द्वारा किसान नेता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करके देश के किसानों को सम्मान दिया है। वाद विवाद प्रतियोगिता के निर्णायक डॉक्टर आदेश कुमार, डॉक्टर संजीव कुमार, डॉक्टर संदीप कुमार रहे। आयोजित वाद विवाद प्रतियोगिता में छात्र- छात्राओं के द्वारा पक्ष विपक्ष में तर्क प्रस्तुत किए गए।