डोईवाला (प्रियांशु सक्सेना)। महिलाओं को मुख्य धारा से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से डायमंड शिक्षा प्रचार समिति एवं नई आशा स्वयं सहायता समूह के संयुक्त तत्वधान में हर्बल साबुन बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। आपको बता दे की डायमंड शिक्षा प्रचार समिति द्वारा समय समय पर महिलाओं को विभिन प्रकार की सामग्री निर्माण और उत्पादन का प्रशिक्षण देती आ रही है जिससे महिला सशक्त और स्वलंभित हो सके। डायमंड शिक्षा प्रचार समिति की प्रदेश अध्यक्ष आशा सेमवाल ने बताया की महिलाओं को हर्बल साबुन (सोप) बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। जिसको विभिन्न घरेलू सामग्री के उपयोग से रसायन मुक्त बनाया गया है। बताया की इस तरह के साबुन विभिन्न त्वचा प्रकार के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। इन साबुनों को चावल के आटे, ग्लिसरीन, टमाटर, आलू, मुल्तानी मिट्टी, गुलाब की पंकुड़ियो, नीम के पत्तों और आदि हर्बल सामग्री से निर्मित किया है ताकि बाजारों में बिकने वाले रासायनिक साबुन से त्वचा को नुकसान न हो। नई आशा स्वयं सहायता समूह की कोषाध्यक लक्ष्मी राणा ने बताया की इन साबुनों को लोगो तक पहुंचने के लिए स्टॉल आदि का सहारा लिया जाएगा। जिसकी कीमत 70 से लेकर साबुन के प्रकार पर निर्भर होगा। यह हर्बल साबुन त्वचा के लिए लाभ दायक है। महिलाओं ने कहा की रासायनिक साबुन और पदार्थों से बचे और हर्बल चीजों का उपयोग करें ताकि त्वचो जैसी संवेदनशील चीज को केमिकल के संपर्क में आने से बचाया जा सके।